ताजा खबरपरेशानीसीकर

बदहाल मुख्य रास्तों की फ़रियाद सुने कौन ? जिम्मेदार मौन !

कौन सुनेगा किसको सुनाए परेशानी की दास्तान

लक्ष्मणगढ़, हजारों राहगीर, सैकड़ों स्कूली बच्चे, स्टाफ व वाहन चालकों के मुंह से हर दम हर समय एक ही प्रश्न होता है ? जब वो स्कूल जाते हो या फिर सालासर, लक्ष्मणगढ़, मुकुन्दगढ़, झुंझुनूं, हरियाणा, दिल्ली का सफर करते हो यहां के मुकुन्दगढ़ रोड़ के रेलवे फाटक के दोनों ओर बनी सड़कों की बिमार हालात व जर्जर हुए रास्तों की दशा को देख व महसूस करते समय आवाज सुनाई पड़ती है: कि हमारी भी सुनो ? आवाज की आहट को महसूस करते समय दिमाग में एक ही बात कौंधती है कि कौन सुनेगा और किसको सुनाएं ?

जी हां यह हकीकत है बगडिया स्कूल मुकुन्दगढ़ रोड़ पर रेलवे फाटक के दोनों ओर बनी सड़क की हालत इतनी भयावह है कि हर समय दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है तो वहीं वाहनों के नुकसान की तो पूरी पूरी संभावना रास्तों के बीच बने गड्ढों की वजह से बनी रहती है। इस रास्ते को दुरुस्त करवाने, मरम्मत कराने व पुनर्निर्माण करवाने के लिए शासन से लेकर प्रशासन तक, स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर देश और प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में बैठने वाले माननीयों तक तो सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया तक अपनी मांगों को आवाज देने के बाद भी आवाज को सुनने वाले महानुभावों का दिल नहीं पसीजा और हालत बद से बद्तर होने लगें हैं ।

आखिर क्यों और किस लिए इस रास्ते से गुजरने वाले वाहन चालकों, राहगीरों व स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? आखिर क्यों नहीं रास्ते को दुरुस्त किया जा रहा है? आखिर कौन सुनेगा इन सैकड़ों मासूमों की आवाज , आखिर कौन मानेगा हज़ारों राहगीरों की बात ? कहीं ऐसा ना हो इस राह से गुजरने वालों का सब्र टूट जाएं और जिम्मेदारों को अपनी ग़लती सुधारने का अवसर मिल ही ना पाए ?

Related Articles

Back to top button