पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों का चिकित्सा विभाग द्वारा निरक्षण
सीकर, राज्य सरकार की आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सीकर शहर में पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों की चिकित्सा विभाग द्वारा शनिवार को जांच की गई। इस दौरान गढ़वाल हॉस्पिटल में योजना के तहत पात्र रोगी से रूपए लिए जाने का मामला सामने आया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी के नेतृत्व में विभाग की टीम ने शनिवार को गढ़वाल हॉस्पिटल में भर्ती स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पात्र रोगी से मुलाकात की। इस दौरान रोगी व उसके परिजनों ने बताया कि उनसे जांच व फीस के रूपए व वसूल किए गए। गांव हर्ष के रोगी रणजीत सैनी के दुर्घटनाग्रस्त होने पर परिजन उसे श्री कल्याण अस्पताल में लेकर गए। वहां पर उसके एक्स-रे व अन्य जांचें भी करवाई गई। इसके बाद रोगी को गढ़वाल हॉस्पिटल में भेजा गया। वहां भर्ती करने के बाद उसकी जांच की गई और चिकित्सक को दिखाने के फीस व जांच के रूपए लिए गए। इससे यह भी अंदेशा पाया गया कि श्री कल्याण अस्पताल में लपका गिरोह खासा सक्रिय हैं, जो वहां पर आने वाले योजना के पात्र रोगियों को प्राइवेट अस्पताल में उपचार के लिए भेजने का काम करते हैं। जिले के प्रभारी मंत्री व प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने भी जिले की समीक्षा बैठक में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में हो रही अनियमिताओं व सरकारी चिकित्सालयों की भागीदारी कम होने पर नाराजगी जाहिर की थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से योजना के तहत पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण के दौरान साफ तौर पर हिदायत दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि योजना का लाभ गरीब व निर्धन पात्र लोगों को मिले और सरकार की भावना के अनुरूप सीकर में कार्य हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। किसी के तहत किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से लगातार दो दिन से योजना के तहत पंजीकृत सीकर शहर के प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा हैं। शुक्रवार को पांच प्राइवेट अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान भी भारी अनियमितता सामने आई थी। इस पर सभी पंजीकृत प्राइवेट अस्पताल संचालकों को चेताया भी गया है कि योजना के तहत किसी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीकर जिले में योजना के तहत पात्र रोगियों से इलाज के रूपए लेने की शिकायत मिलने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।