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जीवेम चेयरमैन डॉ दिलीप मोदी ने किया राजस्थान का प्रतिनिधित्व

चेन्नई के वाय.एम.सी.ए. परिसर में निसा की कोर कमेटी की बैठक का आयोजन

चेन्नई, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस – निसा की कोर कमेटी की बैठक का आयोजन आज सोमवार को चेन्नई के वाय.एम.सी.ए. परिसर में किया गया जिसमें निसा संगठन के कोर कमेटी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्राईवेट स्कूलों के उन्नयन एवं विकास पर भविष्य की योजना बनाना था। साथ ही नई शिक्षा निति पर भी चर्चा की गई। प्राईवेट स्कूलों के राष्ट्रीय संगठन निसा की इस बैठक में जीवेम चेयरमैन डॉ दिलीप मोदी ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए नई शिक्षा निति एवं वर्तमान शिक्षा प्रणाली में प्राईवेट स्कूलों की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए। अपने वक्तव्य में प्राईवेट स्कूलों की वर्तमान स्थिति पर बोलते हुए डॉ दिलीप मोदी ने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में प्राईवेट स्कूलें सरकारी नितियों की वजह से कोचिंग क्लासेज एवं सरकारी स्कूलों के बीच एक सैण्डविच की भांति हो गई हैं। एक तरफ कोचिंग क्लासेज हैं जिन पर सरकार का कोई नियमन या नियंत्रण नहीं है, जिन्हें सरकार के द्वारा पूरा फ्रीडम दिया जाता है। उन पर न कोई फी रेग्युलेशन एक्ट काम करता है और ना ही कोई आर टी ई। डॉ मोदी ने कहा कि कोचिंग कक्षाओं का सफलता प्रतिशत मात्र 5 प्रतिशत रहता है और असफलता 95 प्रतिशत। बावजुद इसके कोचिंग कक्षाएं प्रंशसा की पात्र हैं। दूसरी तरफ सरकारी स्कूलें हैं जो पूर्णतया सरकारी फण्ड एवं सरकारी स्कीमों पर चलती हैं, जिन पर परिणाम देने का कोई दबाव नहीं होता है फिर भी ये रेग्यूलेटर, पॉलिसी मेकर एवं ऑपरेटर के रूप में संचालित की जाती हैं। डॉ मोदी ने कहा कि इतर इसके प्राईवेट स्कूलें जो पूर्ण ईमानदारी से मेहनत करती हैं, सर्वश्रैष्ठ परीक्षा परिणाम देती हैं पर 36 भांति के नियम व कानून लगा दिए जाते हैं। डॉ मोदी ने कहा कि यदि समय रहते प्राईवेट स्कूलों की स्थिति के बारे में विचार नहीं किया गया तो आगे आने वाला समय प्राईवेट स्कूलों के लिए चिंताजनक होगा। बैठक में निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभुषण शर्मा सहित समस्त सदस्यों ने समर्थन किया और प्राईवेट स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार -विमर्श किया। इस अवसर पर लीड स्कूल की सीईओ श्रीमती मीरा ने लीड स्कूल्स मॉडल प्रस्तुत किया।

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