चूरू, राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में तंबाकू नियंत्रण को लेकर सजगता व जागरुकता से संबंधित आमुखीकरण कार्यशाला एवं जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ तंबाकू उपचार विशेषज्ञ डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि तंबाकू के दुष्प्रभाव भयावह हैं। देश में प्रतिदिन करीब साढ़े तीन हजार व्यक्ति तंबाकूजनित रोगों से मर जाते हैं। जनसंख्या का एक चौथाई से ज्यादा भाग तंबाकू का उपयोग करता है। 8.4 प्रतिशत बच्चे तंबाकू का उपयोग करते हैं। तंबाकू का उपभोग मूलतः समाज में पुरुषों के द्वारा, निर्धन लोगों एवं ग्रामीण परिवेश में रहने वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। अब इसका उपयोग महिलाओं व युवाओं सहित अन्य वर्गों में बढ़ रहा है। तंबाकू नियंत्रण अभियान में इन सब वर्गों पर फोकस किए जाने की जरूरत है।
प्राचार्य डॉ बीके बिनावरा की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में डॉ गुप्ता ने बताया कि कैसे अस्पताल एवं कॉलेज महाविद्यालय को तंबाकू मुक्त किया जा सकता है तथा अन्य लोगों को जागरुक किया जा सकता है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी खास तौर पर तंबाकू से बचाए रखने की जरूरत है। बच्चों पर अभिभावकों के तंबाकू उपयोग का प्रभाव है, उसे समझकर दूर किए जाने की जरूरत है। कार्यक्रम में शिक्षण अनुसंधान और जागरुकता, तंबाकू के नुकसान, छोड़ने के फायदे, तंबाकू नियंत्रण में भारत एवं राजस्थान की स्थिति, भविष्य के समाधान आदि पर विस्तार से चर्चा की गई।
तंबाकू मुक्त राजस्थान अभियान के संचालक डॉ राजन चौधरी ने बताया कि वे पूरे राजस्थान में कार्य कर रहे हैं। कैसे एक तंबाकू मुक्त युवा पीढ़ी का निर्माण हो, इस दिशा में हमारे प्रयास हैं। हमारी यह भी कोशिश है कि सरकार द्वारा तंबाकू विक्रेताओं के लिए लाइसेंस की व्यवस्था की जाए। इस दौरान कॉलेज के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं छात्र मौजूद रहे।