शक्तिपीठ शाकम्भरी में देवी-देवताओं का आह्वान कर पूजा-अर्चना के साथ हुआ महायज्ञ शुरू
सकराय धाम में कलश यात्रा व अरनी मंथन से महायज्ञ का हुआ शुभारंभ
उदयपुरवाटी, अरावली की पहाड़ियों में सकराय धाम स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां शाकंभरी में 15 जुलाई तक चलने वाले 9 कुंडीय सहस्त्रचंडी महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। गुप्त नवरात्र के पहले दिन शनिवार को कलश यात्रा के साथ 9 दिवसीय कार्यक्रम शुरू हो गया। मंदिर के महंत दयानाथ महाराज के सान्निध्य में मां शाकंभरी सेवा समिति सकराय धाम के सौजन्य से कार्यक्रम के पहले दिन सुबह कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद अरनी मंथन से यज्ञशाला में महायज्ञ प्रज्ज्वलन किया गया। समिति के अध्यक्ष राजेश धानुका ने बताया कि इससे पहले शुक्रवार को नंदी श्राद्ध के साथ धार्मिक कार्यक्रमों की शुरूआत हो गई। 9 कुंडीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ की शुरूआत से पहले निकली कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश धारण कर यज्ञशाला पहुंची। मुख्य यजमान राजू भौतिका कलियागंज के साथ अन्य यजमानों ने यज्ञशाला में प्रवेश कर महायज्ञ शुरू किया। सभी देवी-देवताओं का आह्वान कर पूजा-अर्चना की गई। रोजाना करीब 4 घंटे महायज्ञ किया जाएगा। यज्ञाचार्य विक्रम शास्त्री ने बताया कि सहस्त्रचंडी महायज्ञ में प्रतिदिन 21हजार आहुतियां दी जाएंगी, दुर्गा सप्तशती के सुबह-शाम 61-61 पाठ किए जाएंगे। कोषाध्यक्ष संदीप रामूका ने बताया कि 9 कुंडीय सहस्त्रचंडी महायज्ञ में रैवासा धाम के पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज, शाकंभरी शक्ति पीठ के महंत दयानाथ महाराज का विशेष सान्निध्य रहेगा। कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष राजेश धानुका, कोषाध्यक्ष संदीप रामूका, अंजनी धानुका, बनवारीलाल धानुका आदि विशेष सेवा दे रहे हैं। यज्ञशाला के पास भगवान गणेश, हनुमान जी महाराज के साथ मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की प्रतिमाएं सजाई जा रही हैं। गुप्त नवरात्र के दौरान इन सभी 9 रूपों की पूजा की जाएगी। महायज्ञ में शामिल होने के लिए देश-विदेश से मां शाकंभरी के अनेक भक्त सकराय पहुंच रहे हैं।
ये रहेंगे 9 दिवसीय कार्यक्रम
मां शाकंभरी महायज्ञ में दर्जनों पंडित कलश यात्रा, मंडप प्रवेश, अरणी मंथन, आहुतियां, दुर्गा सप्तशती, आरती आदि आयोजन में मंत्रोच्चार किया जा रहा है। आज शाम को राकेश बावलिया एंड पार्टी के कलाकार प्रस्तुति देंगे। 9 जुलाई को पंडित आत्माराम जांगिड़ झुंझुनूं की टीम संगीतमय सुंदरकांड पाठ का वाचन करेंगे। सुंदरकांड पाठ के दौरान राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान की सजीव झांकियां दिखाई जाएंगी। 12 जुलाई को शक्तिपीठ मां शाकंभरी की झांकी के साथ रास गरबा, कृष्ण सुदामा प्रसंग की प्रस्तुति होगी। 14 जुलाई 2024 को महाअष्टमी को मां शाकंभरी का महामंगल पाठ होगा। 15 जुलाई को सहस्त्रचंडी महायज्ञ का पूर्णाआहुति के साथ समापन होगा।