जिंदगी से जरूरी इस जश्न के लिए जिम्मेदार कौन ?
झुंझुनू, झुंझुनू शहर की मुख्य सड़क से लापरवाही को लेकर बड़ी तस्वीर निकलकर सामने आ रही है। आपको बता दें कि हाल ही में नीट परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है। झुंझुनू शहर के मंडावा मोड़ पर जो कि शहर की सबसे व्यस्ततम सड़क है इसके साथ ही इस व्यस्ततम सड़क पर चौराहा भी पड़ता है इस बीच सड़क से लापरवाही की बड़ी तस्वीर निकलकर सामने आ रही है। जिसमें नीट परीक्षा में संस्थान की उपलब्धियो को लेकर बच्चे सड़क पर डीजे पर ठुमके लगा रहे हैं। वही आपको बता दे कि इस प्रकार की लापरवाही से जहां सड़क हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता वही पड़ोसी जिले सीकर में जिला कलेक्टर ने कोचिंगों एवं इंस्टीट्यूटों पर परीक्षा प्रमाण आने के बाद किसी प्रकार के जुलूस इत्यादि पर रोक लगाई हुई है। लेकिन झुंझुनू में शिक्षण संस्थाओं द्वारा बच्चों को खुली गाड़ियों में तेज साऊंड के साथ बिना किसी सुरक्षा मानदंडों के घुमा कर अपनी उपलब्धियां का ढिंढोरा पीटा जाता है जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं वर्तमान में जो तस्वीर सामने आई है यह अपने आप में बहुत ही ज्यादा लापरवाही को प्रदर्शित कर रही है।
दरअसल आपको बता दें कि किसी भी शिक्षण संस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर जुलूस नहीं निकलने पर रोकथाम लगाने के पीछे एक मंशा यह भी थी कि जिस बच्चे के कम मार्क्स आए हैं तो वह किसी भी प्रकार की कुंठा से ग्रसित न हो क्योंकि शिक्षा नगरी कोटा में लगातार आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। वही अब नीट परीक्षा परिणाम के बाद कोटा में फिर से एक बार एक छात्रा के बिल्डिंग से कूद कर आत्महत्या करने की समाचार भी निकलकर सामने आ रहे हैं। वही झुंझुनू की बीच सड़क पर इस प्रकार से लापरवाही का जो जश्न मनाया जा रहा है वह जिम्मेदारों की जिम्मेदारी पर भी सवालिया निशान लगाता है। वही इस तस्वीर का जो दूसरा पक्षी यह भी है कि बच्चे किस प्रकार के गानों पर ठुमके लगा रहे हैं यह भी देखने वाली बात है। इसमें बच्चे और बच्चियों मुझको राणा जी माफ करना गलती महारे से हो गई जैसे गानों पर भी ठुमके लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वही आपको बता दें कि झुंझुनू जिले के डॉक्टर संजय धनखड़ की लापरवाही का कांड अभी शांत भी नहीं हुआ है और एक डॉक्टर के रूप में उन्हें अपनी गलती करने पर सलाखों के पीछे भी जाना पड़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर की गलतियों को भले ही राणा जी माफ कर दें लेकिन कानून माफ नहीं करेगा। वही इस प्रकार से जश्न के नाम पर और अपने संस्थान को उत्कृष्ट दिखाने के लिए सड़क के बीचो बीच अप्रत्यक्ष रूप से जो जश्न के नाम पर संस्थान का प्रचार किया जा रहा है उसके चलते किसी भी प्रकार के सड़क हादसे की भेट इनमें से कोई चढ़ सकता है। वही इस बड़ी लापरवाही के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है ? यदि सावधानी नहीं बरती जाए तो यह पल भर के जश्न की खुशी किसी परिवार को जिंदगी भर का गम भी दे सकती है। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू