झुंझुनू शहर में मेले एवं सेल की स्वीकृति की आड़ में लूट की मिली छूट पर उठे सवालिया निशान
उपखंड अधिकारी को सौपा ज्ञापन
झुंझुनू, झुंझुनू शहर में लंबे समय से सेल और मेले की प्रशासनिक स्वीकृति की आड़ में जनता को लूट की खुली छूट मिली हुई है। इसी को लेकर कल झुंझुनू उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि शहर में कुछ अनाधिकृत लोग मेले लगाने के नाम पर जिला प्रशासन से तथ्यों को छुपा कर स्वीकृति ले जाते हैं तथा मेले में गैर कानूनी ढंग से चोरी किए सामान बेचते हैं तथा वह सामान कहां से लाते हैं उसका भी उनके पास कोई लेखा-जोखा नहीं रहता ना ही इनके व्यवसाय की कोई फार्म होती है, ना ही इनकी दुकान वाणिज्य कर विभाग से रजिस्टर्ड होती है। मेले में गुणवत्ताहीन सामान बेचा जाता है जिसका उपभोक्ता को कोई बिल नहीं दिया जाता। बल्कि जिला प्रशासन से स्वीकृति लेकर उसकी आड़ में जनता को ठगने का कार्य किया जा रहा है। ज्ञापन में बताया गया कि पीरू सिंह सर्किल स्थित स्कूल मैदान में मेला लग रहा है वही रोड नंबर एक पर प्रभात सिनेमा के सामने की तरफ बॉम्बे सेल बाजार के नाम से मार्केट चल रहा है जो बिल्कुल गैरकानूनी ढंग से चल रहा है। जहां उपभोक्ताओं को सामान का बिल नहीं दिया जा रहा और ना ही लगी हुई दुकान रजिस्टर्ड हैं। इस संबंध में उपखंड अधिकारी झुंझुनू को ज्ञापन सौंप कर पीरू सिंह सर्किल स्थित स्कूल मैदान में तथा बॉम्बे सेल बाजार आदि को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की गई है।
वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झुंझुनू शहर की रोड नंबर एक अति व्यस्तम रोड है लेकिन इन मेलों के चलते सड़क पर ही लोग वाहन पार्किंग कर देते हैं जिसके चलते इस स्थान से वाहन चालकों का गुजरना भी मुश्किल हो जाता है लेकिन आनंद-फानन में इन मेलो को स्वीकृति दे दी जाती है जिसका खामियाजा झुंझुनू शहर की जनता को परेशानी के रूप में उठाना पड़ रहा है। वही उपभोक्ताओं को ना तो बिल दिया जाता है और ना ही किसी प्रकार से सामान में डिफेक्ट होने पर उसको बदला जाता है। सीधे-सीधे यह उपभोक्ताओं के अधिकारों के हनन से जुड़ा हुआ मामला भी है। अब देखने वाली बात है कि प्रशासनिक स्तर पर इस तरफ संज्ञान लिया जाता है या फिर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग झुंझुनू इसमें स्वतः संज्ञान लेकर आम जनता को हो रही इस ठगी से निजात दिलवा पाता है या नहीं ।
वही संबंधित प्रशासनिक अधिकारी जो स्थान विशेष की स्थिति का अवलोकन किए बिना, पार्किंग इत्यादि व्यवस्थाओं की जरूरत को नजरअंदाज करके व अन्य तथ्यों की उपेक्षा करके इन मेलों और सेल की स्वीकृति देते हैं उन पर भी सवालिया निशान उठना लाजमी है।