रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] मावलिया बास स्थित जीण माता मंदिर वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में आयोजित देवी भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक कृष्णानंद महाराज ने प्रवचन करते हुए बताया की नवरात्रि में 9 दिन तक देवी भागवत श्रवण- अनुष्ठान करने पर मनुष्य सभी पुण्य कर्मों से अधिक फल पा लेते हैं, इसलिए इसे नवाह यज्ञ भी कहा गया है, जिसका उल्लेख देवी भागवत पुराण में खुद भगवान शंकर व सूतजी ने किया है. जिन्होंने कहा है कि जो दूषित विचार वाले पापी, मूर्ख, मित्र द्रोही, वेद व पर निंदा करने वाले, हिंसक और नास्तिक हैं, वे भी इस नवाह यज्ञ से भुक्ति और मुक्ति को प्राप्त कर लेते है।
कृष्णानंद महाराज ने बताया की ब्रह्मा, विष्णु और महेश के स्वरूप में माँ भगवती ही परब्रह्म शक्ति विद्यमान है जो की जगत का पालन, सृजन और संहार करती है। कथा में सजीव झांकियों के साथ माता जी का चुनरी उत्सव मनाया गया। आयोजन में नरेंद्र इंदौरिया, श्यामलाल चमड़िया, मुरारीलाल पारिक, श्रवण कुमार मीणा, लालचंद नोखवाल, एल. डी. प्रजापत, नंदकिशोर भार्गव, मांगीलाल बावलिया, बनवारी लाल हारीत, पूर्णमल भाटिवाल, नागरमल घोड़ेला, पुनीत आत्रेय भवानीशंकर बगरानिया, किशनलाल निरानिया, गोपाल सैनी, परमेश्वरलाल बावलिया आदि श्रोता जन उपस्थित थे।