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अधर्म का नाश व धर्म की स्थापना के लिए भगवान लेते हैं अवतार – कृष्णानंद महाराज

रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] शहर के हनुमान पार्क के पास चल रही भागवत कथा में गुरुवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान पूरा पांडाल भक्तिमय हो गया तथा ‘नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की…’ की गूंज से गूंजायमान हो गया। इस मौके पर व्यासपीठ पर विराजमान कथा वाचक कृष्णानंद महाराज ने कहा कि जब-जब धरती पर पाप बढ़ता है, तब-तब भगवान अवतार लेकर भूमि को पाप के भार से मुक्त करते हैं और धर्म की स्थापना करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण परम योगेश्वर है, उनका जन्म मनुष्य के भीतर व्याप्त अज्ञान रूपी अंधकार का नाश कर आध्यात्मिक चेतना जागृत करने के लिए ही हुआ है। महाराज ने कहा कि जिस प्रकार वसुदेव ने भगवान को अपने सिर पर धारण किया, तो उनकी हथकड़िया और बेड़िया टूट गई तथा कारागार के द्वार अपने आप खुल गए। उसी प्रकार मनुष्य भगवान के शरणागत होकर उनको शिरोधार्य करता है, तो वह समस्त भव बंधन व सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है। कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान सुशील कुमार, संदीप कंदोई ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर राममनोहर जैसनसरिया, एडवोकेट घनश्याम सोनी, निरंजन जांगिड़, नारायण सरोठिया, अशोककुमार कंदोई, विपुल सारोठिया, लक्ष्मीपत रातुसरिया, गोविंद रातुसरिया, रामस्वरूप पंसारी, राकेश पंसारी, आत्माराम धनावत, गोपाल गोयल, कनक वशिष्ठ, सीमा वशिष्ठ, अशोक उपाध्याय, सुशील पंसारी, नारायण सराफ, एडवोकेट जयाकांत बिंवाल, प्रेमचंद रूंथला, विमल चौधरी, दिलीप कंदोई, पूनम पौद्दार, भागचंद धनावत, बाबूलाल लोहिया, पवन कंदोई, पुरूषोत्तम कंदोई, रामावतार कंदोई, अशोक कंदोई, नंदकिशोर कंदोई, ओमप्रकाश कंदोई, विनोद कंदोई सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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