दांता में पांच दशकों से रामलीला का मंचन, अब युवा कलाकारों ने थामी कमान
रामलीला में कृष्ण कुमार को पन्नाधाय का अच्छा अभिनय करने पर तीन बीघा जमीन ईनाम मिली
दांतारामगढ़ [प्रदीप सैनी ] दांता के पूर्व सरपंच स्व. गोपीचंद कासलीवाल ने बाय दशहरे से प्रेरणा लेकर सन् 1971 में दांता में दशहरा पर्व समिति की स्थापना की थी जो आज भी चल रही हैं। शुरुआत में कालूराम एण्ड पार्टी व एस वी आर नाट्य कला मंडल द्वारा रामलीला का संजीव मंचन किया जाता था। ग्राम के नागरिकों द्वारा कलाकारों को भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था तथा कलाकार भी अपनी कला का खुलकर प्रदर्शन करते थे। धार्मिक नाटकों का मंचन करके भी दर्शको का शिक्षाप्रद मनोरंजन किया जाता था। रूप-बसंत, राजा हरिश्चंद्र, महाराणा प्रताप, राजा भृतहरि , मोरध्वज, डाकू सुल्तान, राज मुकट, पन्नाधाय, सरदार भगतसिंह जैसे अनेक ऐसे नाटक थे जिनकी अमिट छाप रही हैं। महादेव मधु के सफल नेतृत्व में एम पी कला मंडल दांता के सहयोग से दशहरा समिति द्वारा सफल आयोजन होता रहा। शुरू में राम व लक्ष्मण के रूप में महन्त परिवार के सदस्यो व परशुराम के रूप में पीटीआई स्व. श्री बजरंग लाल शर्मा, मेघनाथ के रूप में मंगलचन्द सरोज व रावण की भूमिका में सीताराम नाई एवं स्व. श्री भोलाशंकर शर्मा को देखा जा सकता था जो कि अपनी कला से दर्शकों का मन मोह लेते थे। वर्तमान में ओमप्रकाश शर्मा गुंदीवाले व अन्य के सहयोग से एवं समिति के पदाधिकारियों द्वारा संचालन हो रहा हैं। समिति संसाधनो के अभाव से ग्रसित हैं। कलाकारो की वेशभूषा भी काफी पुरानी है एवं कलाकारों को प्रोत्साहित नही किया जा रहा हैं। स्व. ठाकुर मदनसिंह द्वारा कलाकारो को प्रोत्साहित किया जाता था। राजकुमार नाटक के सफल आयोजन पर पन्नाधाय की भूमिका निभाने वाले कृष्ण कुमार शर्मा को सन् 1974 में ठाकुर मदनसिंह ने 3 बीघा जमीन ईनाम में दी थी। पूरे दिन गांधी चौक चौपड़ में तरह तरह के मुखौटे लगाकर चेहरों द्वारा नृत्य किया जाता था। डाकू सुल्तान के नाटक में मंगलचंद सेन घोड़े पर सवार होकर मंच पर चढ़ गये थे। पहले प्रत्येक नाटक का संजीव अभिनय किया जाता था। स्व. नन्दू भाण्ड द्वारा सुर्पनखां के विकराल रूप का नृत्य मनमोहक होता था। धनुष यज्ञ, राम विवाह, सीता हरण जैसे कार्यक्रमों के मंचन के पश्चात राम रावण की सेना जुलूस के रूप में गणगौरी मैदान में जाती थी। अब खेल मैदान में मेघनाथ-लक्ष्मण युद्ध व लक्ष्मण शक्तिबाण से मूर्छित, लंकादहन व राम-रावण युद्ध जैसे आयोजन होते हैं। वर्तमान दशहरा पर्व समिति के अधिकांश पदाधिकारी सभी युवा है व इस अभावग्रस्त समिति को पुनः जीवित करने को प्रयासरत हैं। भामाशाह सहयोग करे तो पहले जैसी संजीव रामलीला फिर से हो सकती हैं। स्व. श्री बुद्धिराम टेलर – रावण की ड्रेस, पुतले की व अन्य कलाकारो की ड्रेस बनाते थे। अब भागचंद टेलर बनाते बनाते हैं। गोपाल नाई, जगदीश नाई, महावीर स्वामी, सुरेंद्र वैद्य, अमरचंद काला, चिरंजीलाल कुमावत, स्व.श्री बजरंग लाल शर्मा, स्व. श्री प्रकाश चंद नागी, स्व. श्री महादेव मधु, संस्थापक स्व.श्री गोपीचंद कासलीवाल, जनाब सत्तार बिसायती, फतेह मोहम्मद चौपदार, शाकिर इकबाल बिसायती आदि लोगों के योगदान को भुलाया नही जा सकता हैं।
यह है युवा किरदार-
राम – 28 वर्षीय प्रवीण शर्मा निजी स्कूल में शिक्षक है जो पिछले पांच सालों से राम का अभिनय कर रहे हैं। इन से पहले शांति लाल महंत, ललित बटवाल राम का अभिनय करते थे।
सीता – 30 वर्षीय धर्मवीर मीना अग्रसेन अस्पताल जयपुर में कार्यरत हैं। दो साल से सीता का किरदार निभा रहे हैं। इनसे पहले उमाशंकर सरोज इस किरदार को निभाते थे।
लक्ष्मण – 25 वर्षीय नितिन शर्मा जो चेन्नई की मन माया टेक्सटाइल में ब्रांच मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत है जो पिछले चार साल से लक्ष्मण का अभिनय कर रहे हैं। इनसे पहले यह किरदार महेश महंत, पवन शर्मा, पंकज मोयल निभाते थे।
रावण – रावण का किरदार बालमुकुंद शर्मा उर्फ मिट्ठू महाराज जो हलवाई व प्रोपर्टी का व्यसाय करते है पिछले 21 साल से रावण का किरदार निभा रहे हैं। इन से पहले स्व. भोलाशंकर, ओम मिश्रा, सीताराम नाई, ओमजी गुंदीवाले भी रावण का किरदार निभाते थे।
परशुराम – 35 वर्षीय मनोज कुमार शर्मा जो डीडराइटर का काम करते हैं। पिछले 15 साल से परशुराम का अभिनय कर रहे हैं। इनसे पहले ज्ञानचंद नागी, सुरेंद्र राकावत, स्व.श्री बजरंग लाल पीटीआई यह किरदार करते थे।
हनुमानजी – पूरण पारीक (36) जो निजी स्कूल में अध्यापक हैं। चार साल से हनुमान जी का किरदार निभा रहे है इन से पहले भागचंद टेलर हनुमानजी का किरदार निभाते थे ।
अंगद – 36 वर्षीय दामोदर प्रसाद जो किराणा की दुकान चलाते हैं। पिछले 16 साल से अंगद का किरदार निभा रहे हैं। इनसे पहले स्व.श्री बजरंग लाल पीटीआई निभाते थे ।
कुंभकर्ण – ताराचंद सेन जो सैलून चलाते हैं। कई सालों से कुंभकर्ण का किरदार निभा रहे हैं। इनसे पहले इनके पिता भोपाल सेन यह किरदार निभाते थे।
मेघनाथ – रोहित शर्मा (25) जो पान की दुकान चलाते हैं पिछले दो साल से मेघनाथ का किरदार निभा रहे हैं। इनसे पहले मंगलचन्द सरोज, राजकुमार सेन, महावीर सेन, वेदप्रकाश सेन निभाते थे।
अक्षय कुमार – 32 वर्षीय जयप्रकाश मीना जो कॉम्पीटिशन की तैयारी कर रहे हैं। पिछले तीन साल से अक्षय कुमार का किरदार निभा रहे हैं। इनसे पहले चेतन स्वामी यह किरदार निभाते थे।
सुर्पणखां – कमल पनवाड़ी (40) जो पान की दुकान चलाते हैं। पिछले 15 साल से सुर्पणखां का किरदार निभा रहे हैं। इनसे पहले सुर्पणखां का किरदार स्व. नंदू भांड निभाते थे जिनके विकराल रूप का नृत्य मन मोह लेता था।
बाणासुर – किरदारों में सबसे ज्यादा उम्र के ज्ञान चंद नागी है जो अकाउंटेंट का काम करते हैं। पिछले कई सालो से बाणासुर का किरदार निभाते हैं। दशहरा पर्व समिति में बचपन से ही अभिनय करते आ रहे नागी अब तक प्रायः सभी किरदार निभा चुके हैं।