पहले हुई अतिक्रमण मुक्ति के बाद दोबारा अतिक्रमण का जिम्मेदार कौन
झुंझुनू, सड़क किनारे फुटपाथ पर अपना जीवन यापन करने के लिए रेहड़ी,थड़ी लगाकर जीवन बसर करने वालों पर झुंझुनू नगर परिषद द्वारा साल भर अतिक्रमण के नाम पर अभियान चलाया जाता है वहीं झुंझुनू शहर के पॉस और अतिव्यस्त शिक्षा हब के नाम से अपनी पहचान रखने वाला मंडावा मोड़ पर 28 जनवरी को जिला पुलिस प्रशासन व उपखंड अधिकारी सुरेंद्र यादव की मौजूदगी में नगर परिषद की भूमि खसरा नंबर 1687 जो भूमि नगर परिषद झुंझुनू के नाम इंद्राज है को लेकर उक्त बेशकीमती भूमि पर अवैध ही नहीं अपितु नगर परिषद की भूमि पर लांबा कोचिंग विवेकानंद कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे थे, जिस पर प्रशासन ने नगर परिषद आयुक्त अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में अवैध मानते हुए और नगर परिषद के स्वामित्व की भूमि मानते हुए सील कर दिया गया। सील करते वक्त मीडिया से मुखातिब होते हुए उपखंड अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया और नगर परिषद आयुक्त को निर्देश दिए कि लाम्बा कोचिंग व विवेकानंद कोचिंग जो नगर परिषद की भूमि पर संचालित हो रहे हैं जिस पर पहले भी अतिक्रमण हटाया जा चुका था,फिर कैसे और किसकी सहमति हो पाया अतिक्रमण इसकी भी जांच कर जिला कलेक्टर को भेजी जाएगी। संलिप्त पाये अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी।अतिक्रमणकारियों को तीन दिवस का नोटिस देकर स्वेच्छा से इस भूमि को खाली करने के लिए नोटिस दिया जाए तत्पश्चात नगर परिषद अपने स्वामित्व की भूमि को यदि अन्य कोई अपना टाइटल अपने नाम होने का कोई सबूत पेश नहीं करता है तो इसे अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। 21 दिन व्यतीत होने के बाद भी हालत जस के तस बने हुए है। झुंझुनू नगर परिषद का पीला पंजा व डंडा महज गरीब मजदूर,ठेला, रेहड़ी व फुटपाथ पर अपना रोजगार करने वाला तक ही चलता है,ऊंचे रसूखवालों की तरफ देखना शायद नगर परिषद गंवारा नहीं समझती। आखिर क्यों करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन को नगर परिषद का अपना खुद का स्वामित्व है, को अपने कब्जे में लेने में नाकाम क्यों है यह सवालिया निशान नगर परिषद झुंझनु पर लगता है। गौरतलब है कि तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन ने नियम विरुद्ध कोचिंग संचालित करने वालों की जांच हेतु अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर जांच करने के निर्देश दिए थे उक्त कमेटी में झुंझुनू तहसीलदार व नगर परिषद आयुक्त भी शामिल थे। कमेटी द्वारा 46 कोचिंग संस्थानों को चिन्हित किया गया था। तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन के पदोन्नति उपरांत जयपुर स्थानांतर होने से मामला ठंडे बस्ते में है। नवागत जिला कलेक्टर उमरदीन खान को भी अवैध नियम विरुद्ध संचालित हो रही कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई के साथ नगर परिषद की बेशकीमती भूमि पर किये गए अतिक्रमण को मुक्त करवाने के साथ पूर्व में हटाये गए अतिक्रमण के बाद फिर से अतिक्रमण करने में भूमिका निभाने वालों की भी जांचकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।