राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत
सीकर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जन्मजात विकृतियों व बीमारियों से ग्रसित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसके तहत सीकर जिले के चिकित्सा विभाग ने विकृतियों व बीमारियों से जुझ रहे ऎसे बच्चों को जीवनदान देने में एक नया र्कीतिमान स्थापित किया है। जन्मजात सीएचडी ( हृदय रोग) से ग्रसित एक साल का मयान अब अन्य बच्चों की तरह खिलखिलाएगा। मयान के दिल में छेद होने के कारण वह आम बच्चों की तरह खेलकूद नहीं पाता था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि माता -पिता भी उसके भविष्य को लेकर बेहद परेशान थे। नीमकाथाना क्षेत्र की भूदोली की जोहडी वाली ढाणी के पांचूराम के बेटे मयान का आंगनबाडी केंद्र में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नीमकाथाना ब्लॉक की ए टी ने स्क्रीनिंग की। आयुष चिकित्सक राकेश कुमार मीणा, बबीता यादव ने मयान के स्वास्थ्य की जांच की, जिसमें पता चला कि उसके दिल में छेद है।
चिकित्सकों ने किया ऑपरेशन – राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि मयान के दिल में छेद का जयपुर के र्फोटिज अस्पताल में कार्यक्रम के तहत निःशुल्क ऑपरेशन कराया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शून्य से 19 साल तक के जन्मजात विकृतियों व बीमारियों से ग्रसित बच्चों का निःशुल्क इलाज व ऑपरेशन करवाया जाता है। ऎसे बच्चों का सरकारी व अधिकृत प्राइवेट अस्पतालों में उपचार व ऑपरेशन करवाया जाता है। इलाज व ऑपरेशन का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत जन्मजात हृदय की बीमारी, दिल में छेद, कटे फटे होठ, तालू, मुडे हुए पैर आदि बीमारियों का इलाज होता है।