राजस्थान मेघवाल परिषद के तत्वाधान में
सूरजगढ़, राजस्थान मेघवाल परिषद के तत्वाधान में सूरजगढ़ उपखंड अधिकारी के प्रतिनिधि रामस्वरूप बाकोलिया को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान पुलिस के महानिदेशक डॉ.भूपेंद्र सिंह यादव के नाम ज्ञापन सौंप कर नागौर जिले के मारोठ थाना अंतर्गत सांवतगढ़ के हनुमान राम मेघवाल हत्याकांड के विरोध में न्याय के लिए शांतिपूर्वक धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ताओं पर साजिशपूर्वक दर्ज किया गया मुकदमा वापस लेने का अनुरोध किया गया है। एडवोकेट रामेश्वर दयाल ने कहा अत्याचार के विरुद्ध शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने वालों पर मुकदमा दर्ज करना न्यायोचित नहीं है। मृतक हनुमान राम मेघवाल के पीड़ित परिवार व सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज किया गया मुकदमा सरकार को तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए। राजस्थान मेघवाल परिषद के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बताया कि नागौर जिले के पुलिस थाना मारोठ के अंतर्गत गांव सांवतगढ़ (तहसील नांवा) में रास्ते के विवाद को लेकर एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हनुमान राम मेघवाल की धारदार हथियारों से निर्मम हत्या कर दी गई। षड्यंत्रपूर्वक किये गये हमले में हनुमान मेघवाल के परिवार की महिलाओं के साथ बदसलूकी व अभद्रता के साथ मारपीट की गई। इस संबंध में पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस थाना मारोठ में मुकदमा दर्ज करवाया गया। अनुसूचित जाति के व्यक्ति की हत्या और परिवार पर इतना बड़ा अत्याचार होने के बावजूद पुलिस प्रशासन के द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उपखंड मुख्यालय नांवा में विभिन्न सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया जारहा था। धरना स्थल पर प्रशासन द्वारा आपसी समझाइश व विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिसके बाद नांवा प्रशासन द्वारा षडयंत्रपूर्वक राजनीतिक दबाव के चलते पीड़ित परिवार सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। जो बिल्कुल गलत है। अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सामाजिक संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन भी किया जायेगा। आंदोलन भी किया जायेगा। शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने वालों पर मुकदमा दर्ज करने की हरकत को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है। सरकार व प्रशासन को इस तरह की दमनकारी नीतियों से बचना चाहिए। पीड़ित परिवार व सामाजिक कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने की बजाय दलित समाज पर अत्याचार व हत्या जैसी घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना चाहिए। देश के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी दलित समाज पर अत्याचार दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। लॉक डाउन के दौरान भी हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं घटित हुई हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देकर दलित समाज पर बढ़ रहे अत्याचार पर अंकुश लगाना चाहिए। गरीब, कमजोर, मजलूम की हिफाजत करना सरकार की जिम्मेदारी बनती है।सरकार को इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करना चाहिए। ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया गया है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज किया गया मुकदमा वापस लिया जाये और बेवजह गलत मुकदमा दर्ज करने वाले अधिकारियों को निलंबित किया जावे। अगर समय रहते ऐसा नहीं किया जाता है तो समाज द्वारा प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जायेगा। अत्याचार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। हनुमान राम मेघवाल हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को शीघ्रता से गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग उठाई गई है। ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट रामेश्वर दयाल, धर्मपाल गांधी, एडवोकेट कृष्ण कुमार, रवि कुमार, राजेन्द्र कुमार, धर्मेंद्र आदि अन्य कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।