लगातार शोषण के चलते
25 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर जाने से
कोरोना काल में शहरी स्वास्थ्य गतिविधियां होगी बाधित
झुंझुनूं, शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य सम्बंधित राष्ट्रीय और राज्य कार्यक्रमों की रिपोटिंग, लाइन लिस्टिंग व मॉनिटरिंग आदि की बागडोर संभालने वाले शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत प्रबन्धकीय संवर्ग के संविदा कार्मिकों का निरंतर रूप से शोषण के चलते मंगलवार को काम करने से हाथ खड़े कर दिया। जबकि समस्त शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर पब्लिक हेल्थ मैनेजर व अकाउंटेंट कम डीईओ के कंधों पर शहरी क्षेत्र की समस्त गतिविधियों का मैनेजमेंट व ऑनलाइन लाइन लिस्टिंग का जिम्मा रहता है। गौरतलब है कि वर्तमान सरकार ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि संविदा कार्मिकों का नियमितीकरण कर उनकी समस्याओं का उचित समाधान किया जाएगा। परंतु सरकार खुद इस ओर कोई ठोस कदम उठाने की बजाय कमेटियों का गठन कर गुमराह कर रही है। कार्यकारिणी के जिलाध्यक्ष उत्कर्ष गौड़ ने बताया कि अल्प मानदेय पर कार्यरत संविदा कार्मिकों का निरंतर शोषण किया जा रहा है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत पब्लिक हेल्थ मैनेजर एवं अकाउंटेंट कम डीईओ द्वारा समय-समय पर अपनी मांगों को पूरा करवाने हेतु विभिन्न गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन किए, परंतु सरकार द्वारा इस और जरा भी ध्यान नहीं दिया गया। जिससे अल्प मानदेय पर कार्यरत संविदा कार्मिकों मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित होता नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान कोरोना महामारी के दौरान संविदा कार्मिक अपनी जान की परवाह किए बगैर नाम मात्र के मानदेय पर पूरी निष्ठा से कार्य कर रहा है। परंतु वर्तमान प्रदेंश सरकार की ओर से जब तक कोई ठोस निर्णय नही लिया जायेगा तब तक प्रदेश स्तरीय संगठन से बैनरतले सभी प्रबंधकीय संवर्ग के संविदाकर्मी 25 अगस्त से अनिश्चितकालिन सामुहिक अवकाश पर जा रहे है। सामूहिक अवकाश को लेकर समस्त संविदा कार्मिक अपने-अपने प्रभारी अधिकारी को इसकी सूचना दी गई। पीएचएम व एसीडीईओं कें इस प्रदर्शन से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना महामारी के चलते प्रबंधन व रिर्पोंटिग कार्य बाधित होंगे।