किसान आंदोलन से भी लंबे धरने के लिए चिकित्सकों की तैयारी
झुन्झुनू, अजमेर स्थित आयुर्वेद निदेशालय के बाहर संविदा आयुर्वेद चिकित्सक पिछले दो हफ्ते से दिन-रात धरना दे रहे हैं। गत रात को बारीश के कारण टेंट से पानी टपकने लगा और बिस्तर भीग गये। जिससे संविदा आयुर्वेद चिकित्सक भरी सर्दी में रातभर ठिठुरते रहे। लेकिन चिकित्सकों ने धरना स्थल नहीं छोड़ा। संविदाकर्मियों का कहना है कि हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, धरना स्थल हमारे लिए तपस्या स्थल के समान है। चाहे कितनी भी मुसिबत आए हम इस साधना को पूर्ण करके ही उठेंगे, भले ही हमें किसान आंदोलन से भी लंबा धरना देना पड़े। रातभर भीगे चिकित्सक दूसरे दिन जब विभाग के अधिकारियों को अपनी पीड़ा से अवगत करवाने गये, तो अधिकारी सहानुभूति जताने की बजाय झूंठे तथ्य पेश करने लगे। कुछ वर्ष पूर्व आयुर्वेद विभाग ने 1500 से अधिक नये औषधालय खोलने के लिए सभी जिला आयुर्वेद अधिकारी से प्रस्ताव मंगवाए थे। उस फाइल को दबाकर अब निदेशालय के अधिकारी कह रहे हैं कि हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। उल्लेखनीय है कि केडर रिव्यू के समय व्यक्तिगत लाभ के लिए तत्कालीन अधिकारीयों ने 2100 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पद समाप्त कर दिये थे। इन पदों की भरपाई करने के लिए 1500 नये पदों के सृजन का प्रस्ताव विभाग ने तैयार करवाया था। गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से आयुर्वेद विभाग में कोई नया औषधालय नहीं खुला है, लेकिन सैंकड़ों नई पंचायतें बन गई हैं। सभी नवीन पंचायतों पर औषधालय खोलने की विभागीय योजना वाली फाईल का गायब होना किसी अचंभे से कम नहीं है।
ऐसे में आक्रोशित चिकित्सकों ने किसान आंदोलन की तरह लंबे संघर्ष के लिए कमर कस ली है। संविदा आयुर्वेद चिकित्सक एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ प्रेमनारायण शर्मा ने कहा कि शीघ्र हमारी पांचसूत्री मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को व्यापक किया जाएगा।आगामी सप्ताह में कांग्रेस आलाकमान के साथ राहुल गांधी को अवगत करवाया जाएगा और अजमेर के साथ एक धरना प्रियंका गांधी के लखनऊ कार्यालय के बाहर भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्रमिक धरने के सोहलवे दिन बुधवार को झुंझुनू और नागौर जिले के चिकित्सक धरने पर बैठे। आयुर्वेद निदेशालय के बाहर इन चिकित्सकों द्वारा रोज प्रातः 10 से 1 बजे तक निःशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। बुधवार को धरनार्थी चिकित्सक आयुर्वेद निदेशालय परिसर में सफाई अभियान चलाकर स्वच्छता का संदेश देंगे।