झुंझुनू, आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में लोहारू रोड सूरजगढ़ में आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के सहयोगी रहे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान की जयंती मनाई। सीमांत गांधी देश की आजादी और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले महापुरुष थे। इतिहास में सीमांत गांधी का योगदान हमें यह बताने के लिए जीवित रहेगा कि शांति और अहिंसा की कहानियां केवल पुस्तकों या आध्यात्मिकता के लिए नहीं हैं, बल्कि गांधी और अब्दुल गफ्फार खान के रूप में इस उप-महाद्वीप के आधुनिक इतिहास में जमीन पर प्रयोग करने एवं मानवीय मूल्यों में योगदान देने के लिए हैं। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने कहा-सीमान्त गाँधी किसी धर्म के नहीं बल्कि मानवता के सच्चे हितैषी व नायक थे और एकीकृत भारत की प्रबल आवाज़ भी थे। राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लेकर उन्होंने कई बार जेलों में घोर यातनायें झेली हैं। फिर भी वे अपनी मूल संस्कृति से विमुख नहीं हुए। इसी वज़ह से वह भारत के प्रति अत्यधिक स्नेह भाव रखते थे। “दो बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित हुए बादशाह खान की जिंदगी और कहानी के बारे में लोग कितना कम जानते हैं। 98 साल की जिंदगी में करीब 40 साल उन्होंने जेल में सिर्फ इसलिए बिताए ताकि इस दुनिया को इंसान के रहने की एक बेहतर जगह बना सकें।” अपनी पूरी जिंदगी मानवता की कल्याण के लिए संघर्ष करते रहे ताकि एक बेहतर कल का निर्माण हो सके। सामाजिक न्याय, आजादी और शांति के लिए जिस तरह वह जीवनभर जूझते रहे, वह उन्हें नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और महात्मा गांधी जैसे लोगों के बराबर खड़ा करती हैं। बादशाह खान की विरासत आज के मुश्किल वक्त में उम्मीद की लौ जलाती है। ऐसी महान शख्सियत को हम बार-बार नमन करते हैं। इस मौके पर नरोत्तम कांटीवाल, धर्मपाल गांधी, भागमती कांटीवाल, पूनम, सतीश कुमार, रामेश्वर लाल लोवाड़िया, अंजू गांधी, अमित कुमार, दिनेश कुमार, पिंकी, तनिष्का आदि अन्य लोग मौजूद रहे।