झुंझुनू, राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) के जिला अध्यक्ष प्रमेन्द्र कुल्हार ने बताया कि व्याख्याता की बहुप्रतीक्षित और महत्वपूर्ण मांग 2017 में तत्कालीन सरकार द्वारा की गई वेतन कटौती निरस्त करने के लिये जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिले के व्याख्याताओ द्वारा ज्ञापन दिया गया हैं ।रेसला जिला मंत्री कर्मवीर पुनिया ने बताया कि भटनागर समिति की अनुशंसा पर 2013 में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार द्वारा वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 28.6.2013 के द्वारा व्याख्याता का मूल वेतन 18750 किया गया ।लेकिन 2017 में भाजपा सरकार द्वारा इसे निरस्त कर व्याखताओ का मूल वेतन 16890 कर दिया था ।उसी समय से लगातार व्याख्याता वर्ग में आक्रोश का माहौल हैं एवं तभी से लगातार रेसला संगठन इस वेतन कटौती को निरस्त करने के लिये संघर्षरत हैं ।जिला कोषाध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि सातवे वेतनमान में वेतन कटौती के कारण व्याख्याताओ को 48400 की बजाय 44300 पर नियत किया गया हैं जिससे प्रत्येक व्याख्याता को मूल वेतन में 4100 रुपये का नुकसान हो रहा हैं ।इससे झुन्झुनू सहित पूरे राजस्थान के 54000 व्याख्याताओ में आक्रोश का वातावरण हैं ।आज इस ज्ञापन के माध्यम से जिले के समस्त व्याख्याताओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया हैं कि अनुसूची 5 में वेतन में की गई वेतन कटौती को निरस्त कर व्याख्याताओ का प्रारंभिक मूल वेतन 18750 के आधार पर सातवे वेतनमान में मूल वेतन 48400 करने का श्रम करे ।पूरे राजस्थान का व्याख्याता वर्ग आपका आभारी रहेगा ।ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में रमेश पुनिया झुन्झुनू रेसला ब्लॉक अध्यक्ष ,राजेश हलवान ,सुनील सोमरा जिला संरक्षक ,नितेश पुनिया ब्लॉक झुन्झुनू रेसला मंन्त्री ,सरोज धायल,अजित जानू, महेश जांगिड़,इलयास खान ,समीर शर्मा ,राकेश झाझड़िया,महेंद्र पुनिया , साहिल खान उपस्थित रहें ।