तबादलों की राजनीति का शिकार प्रधानाचार्य
सरकारी स्कूल में फाउंडेशन कोर्स, बस संचालन व सीसीटीवी का नवाचार करने वाले प्रधानाचार्य का 15 महीने में 6 बार तबादला
दांतारामगढ़ के खीचड़ों की ढ़ाणी निवासी प्रधानाचार्य केशर सिंह खींचड़ का बार-बार बाड़मेर किया जा रहा तबादला
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] प्रशंसनीय कार्य पर पुरस्कार की परंपरा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग में इससे उलट एक प्रधानाचार्य को प्रताडना दी जा रही हैं। नामांकन वृद्धि व शत प्रतिशत बोर्ड परीक्षा परिणाम के साथ नवाचार में आगे रहने वाले एक प्रधानाचार्य का 15 महीने में ही छह बार तबादला किया जा चुका हैं। जिसमें उन्हें बार-बार बाड़मेर का रास्ता दिखाया जा रहा हैं। मूल रूप से दांतारामगढ़ के खीचड़ों की ढ़ाणी निवासी प्रधानाचार्य केशर सिंह खीचड़ ने इसके पीछे की वजह सियासत को बताया हैं। जिसके साथ ही नौकरशाही की निष्पक्षता का दावा करने वाली राज्य सरकार संदेह व सवालों के घेरे में
आ गई हैं।
पत्नी लकवे से परेशान फिर भी राहत नहीं
प्रधानाचार्य केशर सिंह खीचड़ के 15 महीने में 6 तबादले हो चुके हैं। पत्नी के लकवे की शिकायत होने पर पिछले साल फरवरी महीने में तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने उनका तबादला बाड़मेर के राउमावि मूठली से घर से 25 किमी दूर नागौर स्थित राउमावि टोडास में करवा दिया। परंतु 4 फरवरी के कार्यग्रहण के बाद हावी हुई राजनीति के चलते 9 दिन बाद ही उनका तबादला फिर बाड़मेर कर दिया गया। जिसके खिलाफ अपील करने पर कोर्ट ने आदेश पर स्टे दे दिया। दिसंबर 2021 में फैसला भी प्रधानाचार्य के पक्ष में ही आया। लेकिन स्टे हटने का फायदा उठाते हुए 25 मार्च को विभाग ने फिर उन्हें बीकानेर के लिए एपीओ कर 29 मार्च को डीडवाना के दौलतपुरा में स्थानांतरित कर दिया। जिसके खिलाफ भी अपील की तो कोर्ट ने विभाग के एपीओ व राउमावि दौलतपुरा में पदस्थापन दोनों के आदेश पर रोक लगा दी। जिसके आधार पर 9 अप्रेल को जब उन्होंने फिर राउमावि टोडास में कार्य ग्रहण किया तो 23 जून को कोर्ट की रोक के बावजूद फिर उनका तबादला दौलतपुरा कर दिया गया। यही नहीं जब इस आदेश की पालना भी प्रधानाचार्य ने की तो विभाग ने 28 जून को फिर एक आदेश जारी कर उनका तबादला बाड़मेर की सिवाना तहसील के बेरानाडी बस्ती स्थित स्कूल में कर दिया।
197 से 920 तक बढ़ाया नामांकन
केशर सिंह खीचड़ का शैक्षिक रिकॉर्ड अच्छा रहा हैं। अक्टूबर 2016 से सितंबर 2019 तक राउमावि दांता में बतौर प्रधानाचार्य उन्होंने नवाचार व बोर्ड परीक्षा के शत प्रतिशत परिणामों से स्कूल का नामांकन 197 से 920 तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की। राउमावि कोलू बाड़मेर में 425 से 615, राउमावि मूठली बाड़मेर में 659 से 689, नागौर के टोडास में 157 से 215 का नामांकन भी सौ प्रतिशत परिणाम के साथ उन्हीं के प्रधानाचार्य रहते बढ़ा। राउमावि रूपगढ़ में भामाशाहों के सहयोग से सीसीटीवी कैमरे व पांच बसों का संचालन एवं दांता में मेडिकल व इंजीनियरिंग की फाउंडेशन क्लासेज के अलावा भी वे स्कूलों में कई विकास कार्य व नवाचार कर चुके हैं।
भाई की राजनीति का खामियाजा
प्रधानाचार्य केशर सिंह खीचड़ ने तबादलों की वजह राजनीति को बताया हैं। उनका कहना है कि उनके पिता मोहन राम चौधरी आजीवन कांग्रेस समर्थक रहे। पर उनके भाई सीताराम दांतारामगढ़ में भाजपा मंडल में विभिन्न पदों पर रहते हुए राजनीति में सक्रिय हैं। आरोप है कि इसके चलते ही कांग्रेस सरकार में उनका तबादला किया जा रहा हैं।