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ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ब्राह्मण समाज ने किया स्वागत

आतिशबाजी कर मिठाई बांटकर मनाई खुशी

झुंझुनू, केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण देने के लिए सन 2019 में संविधान में 103 वाँ संशोधन किया था जिसको राज्य सरकार ने भी लागू किया था, इसके विरोध में कुछ लोगों ने 30 से अधिक याचिकाए लगाकर सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी गई थी ।सोमवार 7 नवम्बर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा 5 में से 3 जजों ने सहमति जताई व संविधान में संशोधन को सही बताते हुए कहा कि यह याचिकाएं सुनवाई योग्य ही नहीं है । सुप्रिमकोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले का ब्राह्मण समाज के प्रदेश मंत्री उमाशंकर महमिया, विजय हरि ओम महाराज ,सर्व ब्राह्मण महासभा जिला अध्यक्ष कमल कांत शर्मा, महेश बसावतिया, पूर्व विप्र फाउंडेशन जिला अध्यक्ष पवन पुजारी , गौड़ ब्राह्मण महासभा संगठन मंत्री रामगोपाल महमिया, पार्षद चंद्र प्रकाश शुक्ला, ललित जोशी, पवन पांडे, राकेश सहल , अनिल जोशी, विपुल छक्कड़, प्रकाश सुरोलिया, भरत शर्मा, प्रमोद चोटिया, पंकज भिंडा, नारायण पुरोहित, अंकित हिसारिया, सौरव जोशी, गोपी पुरोहित, राजीव शर्मा, सुभाष पुरोहित, कृष्ण कुमार पुरोहित, आदि ने स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह सामाजिक न्याय की जीत है तथा इससे आर्थिक आधार की कैटेगरी में आने वाले युवाओं में आत्मविश्वास के साथ ऊर्जा का संचार होगा। यह आर्थिक आधार पर पिछड़े स्वर्ण युवाओं के भविष्य के लिए एक बड़ी सौग़ात है। विप्रजनो द्वारा चूना चौक में आतिशबाज़ी कर एक दूसरे को मिठाईया खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त की है।

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