चूरू, [सुभाष प्रजापत ] पाली के रोहट में चल रही 18 वीं राष्ट्रीय जम्बूरी में स्काउट्स और गाइड्स का उत्साह परवान पर है । सुबह से रात तक चलने वाली विभिन्न गतिविधियों व प्रतियोगिताओं में इनके शानदार प्रदर्शन की देखकर लगता है कि मौसम के अनुसार चल रही शीतलहर इनके जोश के आगे डर कर कहीं कोने में दुबक गयी है । साहसिक गतिविधियों की बाधाओं को खेल – खेल में पार करते हुये ये बच्चे किसी भी गतिविधि को छोड़ना नहीं चाहते हैं । जम्बूरी के चौथे दिन फूड प्लाजा में देश – विदेश के अनगिनत पारम्परिक व्यंजनों का लुत्फ उठाने का अवसर बना । राजस्थान की फूड प्लाजा स्टॉल्स पर परोसे गये व्यंजनों में चूरू के स्काउट्स और गाइड्स ने रतनगढ़ से बाजरे का चूरमा , चुंटिया घी ,पेड़ा , सरदारशहर से फीणी व केर सांगरी की शब्जी , खीर – चूरमा राजगढ़ के सिट्टे व पेठे , बड़ी की सब्जी , तारानगर से राबड़ी , मिस्सी रोटी , पकौड़े , गुलगुले, बीदासर से दाल बड़ा व गुलगुले , गुलाब हलुआ , सुजानगढ़ से खीचड़ा लहसुन प्याज चटनी , चूरू से लापसी व राबड़ी , चिल्ला , खीचड़ा , सहित क्षेत्र की समस्त प्रसिद्ध भोजन सामग्री उपलब्ध थी । चूरू के दल ने विभिन्न राज्यों व बांग्लादेश , नेपाल , श्रीलंका , मलेशिया आदि देशों के स्टॉल्स पर वहां के व्यंजनों का स्वाद भी लिया । दोपहर में हुए झांकी प्रदर्शन में देश के प्रत्येक क्षेत्र की प्रमुख झांकियों के दर्शन हुये , हजारों संभागियों ने रंग- बिरंगी वेशभूषा व विचित्र स्वांग धारण कर , उत्साहपूर्वक नाचते – कूदते हुये सम्पूर्ण भारत के दर्शन जम्बूरी एरीना में करवा दिये । जम्बूरी दर्शन के लिये आने वाले डे- विजिटर्स भी बड़ी संख्या में पहुंचे जिन्होंने आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता व्यक्त करते हुये स्काउट गाइड्स का उत्साहवर्धन किया । द्वार निर्माण प्रतियोगिता में राजस्थान द्वारा बनाये गये भव्य द्वार एवं पायोनियरिंग में निर्मित वॉचिंग टॉवर को देखने वालों का भी दिनभर तांता लगा रहा । जम्बूरी स्थल पर सेना द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में रखे गए हथियार व टैंक देखकर सभी ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की ।