दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] दांता नगरपालिका में इनोवेटिव फार्मर सीड (आईएफएस) कम्पनी के उद्घाटन समारोह में श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के जोबनेर के कुलपति डॉ. बलराज चौधरी, श्री कर्ण नरेन्द्र कॉलेज जोबनेर के अधिष्ठाता डॉ बी एल जाट, श्री कर्ण नरेन्द्र एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर के पीआई डॉ एके गुप्ता, बिज़नेस मैनेजर प्रभात कुमार, असिस्टेंट बिज़नेस मैनेजर हर्षित शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर रिसर्च डॉ एसआर ढ़ाका, कृषि विज्ञान केन्द्र फतेहपुर इंचार्ज डॉ. रमेश दुल्लड़ आदि अतिथि मौजूद रहे।
आईएफएस कम्पनी के फाउंडर व सीईओ मनीष कुमावत एवं मैनेजिंग डायरेक्टर पद्मश्री सुड़ाराम वर्मा ने बताया कि आईएफएस कम्पनी द्वारा ग्वार, बाजरा, मूंग, सरसों, काबली चना, देशी चना आदि की ऐसी किस्में तैयार की गई है जिससे उच्च पैदावार, किसानों को मिलेगी तथा रोगरोधी किस्में और कम मूल्य पर उपलब्ध होने के कारण किसानों की आय में वृद्धि होगी। श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज चौधरी ने बताया कि सुंडाराम वर्मा स्वयं द्वारा विकसित किस्मों का सिर्फ व्यापार नही कर रहे बल्कि हमारी धरोहर को बचा रहे हैं। इनके पास ऐसी सरसों की किस्में है जिनमें 43.76 प्रतिशत तेल की मात्रा है तथा काबुली चना एवं देशी चना जिनका परीक्षण वजन 500 ग्राम से ज्यादा है ऐसी किस्मे तो दुर्लभ हैं जो कि सुंडाराम वर्मा द्वारा बहुत ही अच्छा ओर सराहनीय कार्य किया गया है और मनीष जैसे युवाओं को आगे आने की जरूरत हैं। तथा अन्य लोगों को जोड़ने व प्रशिक्षण लेने की जरूरत हैं। साथ ही साथ श्री कर्ण नरेन्द्र इन्क्युबेटर के पीआई डॉ एके गुप्ता ने बताया कि देश व लोगों की प्रगति तभी संभव है जब लोग जॉब ढूंढने की बजाय जॉब प्रदान करने वाले बने तो समाज व देश की उन्नति के लिए एक नया मार्ग खुलेगा। जिसे मनीष ने बहुत ही बखूबी तरीके से सिद्ध किया है जो कि जूनियर स्टुडेन्टस के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत हैं तथा इनका यह कार्य देश व प्रदेश की प्रगति में सहयोग करेगा। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान डॉ खेताराम कुमावत, श्रवण कुमार बाजिया, मंगलचंद मुवाल, रामकुमार, देवाराम, मोतीपालक किसान विनोद भारती, बजाज ट्रस्ट के प्रशांत कुमार, देवराज सिंह, ऋषिकेश, सहायक कृषि अधिकारी सुवाराम दांता को सम्मानित किया गया। आईएफएस कम्पनी के उद्घाटन समारोह के दौरान इन्टरनेशल मिलेट ईयर को ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज वाली फसलों का भोजन खिलाया गया जिसकी कुलपति व अन्य विशिष्ट अतिथियों ने भी सराहना की।