झुंझुनू, ज़िले मेे वित्तीय वर्ष 2022-23 में सामाजिक अंकेक्षण से शेष रही 16 ग्राम पंचायतों में सरपंचो द्वारा करवाए गए कार्यों का सोमवार से शुरू हो रहे सामाजिक अंकेक्षण के लिए अंकेक्षण दलों का गठन किया जा चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना, मिड डे मिल, स्वच्छ भारत मिशन, 15वां वित्त आयोग व महात्मा गांधी नरेगा योजना में हुए कार्य की स्वीकृति -तकनीकी, प्रशासनिक-वित्तीय, एस्टिमेट, कार्य आदेश, बिल-वाउचर, माप पुस्तिका, श्रम सामग्री भुगतान उपयोगिता प्रमाण पत्र, पूर्णता प्रमाण पत्र, परिसंपत्ति रजिस्टर, कैश बुक, स्टॉक रजिस्टर, अंतिम सम्पन्न सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट, आदि रिकॉर्ड अंकेक्षण दल द्वारा चेक किया जाएगा।
इन योजनाओं के तहत ग्राम पंचायत में जितने भी काम हुए है, जिसमे कितने कार्य स्वीकृत हुए, कितने पूर्ण हुए , कितने अभी चल रहे है, श्रमिको को काम मांगने, भुगतान, न्यूनतम मजदूरी, कार्यस्थल सुविधाएं आदि का सत्यापन किया जाएगा तथा इन कार्यों पर जितना भी खर्चा हुआ है उसका लेखा जोखा ग्राम सभा में रखा जाएगा जिसका ग्रामवासी, लाभार्थी सत्यापन करेंगे। ज़िला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी के अनुसार सिहोड़, सेफरागवार, नोरंगपुरा, राजोता, पपुरना, रामकुमारपुरा, मांडासी, मोहनबाड़ी, राणासर, लोहागर्ल, सोटवारा, सिंगनोर, मैनपुरा, सराय, रघुनाथपुरा, सीथल पंचायतों में अवकाश के दिनों मे भी कार्यालय खुला रख कर 20 से 25 मार्च तक सत्यापन का कार्य कर 26 मार्च को ग्राम सभाएं आयोजित की जाएगी। इन 16 पंचायतों के नरेगा श्रमिकों का 26 मार्च को अवकाश रख कर अगले गुरुवार को कार्य दिवस रखा जायेगा। जिला संसाधन व्यक्ति अजीत सिंह बिजारणिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 320 ग्राम पंचायतो का सामाजिक अंकेक्षण कार्य सफलतापूर्वक किया जा चुका है। अनिमियता एवं वसूली से संबंधित कार्यवाही के लिए सीईओ जवाहर चौधरी द्वारा समय-समय पर आदेश दिए जा रहे हैं जिनकी अनुपालना पंचायत समितियां व ग्राम पंचायत से करवाई जा रही है।सामाजिक अंकेक्षण, राजस्थान के निदेशक संदीप चौहान द्वारा भी जिले में सामाजिक अंकेक्षण का कार्य सही समय पर नियमानुसार होने एवं ज़िले के अग्रणी रहने पर तारीफ की जा चुकी है।
क्या है सामाजिक अंकेक्षण?
(हमारा पैसा – हमारा हिसाब)
सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया पारदर्शिता एवं जवाबदेही स्थापित करने का शशक्त माध्यम है. सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया में सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में जितना भी खर्चा होता हैं उसके लेखे – जोखे का विवरण जनता को बताया जाता हैं। इसमे प्रत्येक लाभार्थी से पूछा जाता हैं कि उनको नियत समय पर लाभ मिला है अथवा नही और उस लाभ को प्राप्त करने में किसी तरह की अनियमितता तो नही हुई है? यह सब तथ्य लाभार्थी ग्राम सभा मे जनसुनवाई में एक निष्पक्ष पैनल के सामने रखते हैं तथा उनपर खुली चर्चा होती है। साथ ही वहाँ पर शिकायत निवारण की व्यवस्था भी होती हैं।
ग्रामीणों से अपील हैं कि-
• अंकेक्षण टीम सारी सूचनाओं के साथ आपके घर -घर आएगी तो उन्हें चाही गयी जानकारी उपलब्ध कराए।
• सम्बंधित कोई भी शिकायत है तो टीम को लिखकर दे सकते है।
• ग्राम सभा की जनसुनवाई में आकर अपनी-अपनी शिकायत दर्ज कराए, शिकायत दर्ज कराने हेतु सारे दस्तावेज लेकर आये।
• आपकी ग्राम पंचायत में कार्य पर जितना भी खर्चा हुआ है उसका हिसाब सुने।
• ग्रामवासी जनसुनवाई में आकर योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।