झुन्झुनू, झुंझुनूं स्थित विश्वकर्मा मंदिर समिति द्वारा आयोजित खातियों की धर्मशाला में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन पथमेड़ी धाम से पधारे श्री श्री १००८ सुभाष जी महाराज के सानिध्य में पूर्ण आहुति यज्ञ के साथ समापन किया गया । कथावाचक चित्रकूट धाम से पधारे राघवाचार्य जी महाराज के परम शिष्य श्रद्धेय श्री राजाराम जी महाराज ने बताया कि सनातन धर्म में यज्ञ का बहुत ही महत्व होता है इसके करने से वायुमंडल की शुद्धि के साथ ही आत्मा की भी शुद्धि होती है व देवताओं का आह्वान किया जाता है जिससे बिगड़े काम भी बनते हैं । श्री महाराज ने आज कथा के अंतिम दिन राजा परीक्षित की कथा सुनाने के साथ ही बताया कि यह शरीर नश्वर है और यदि साक्षात विष्णु भगवान भी मानव देह में अवतरित हुए है तो उनको भी इस देह का त्याग करना पड़ा था । महाराज श्री ने कहा कि इस कलियुग में भगवान का नाम ही आधार है । हमें अपने माता-पिता, परिवार व समाज का सम्मान करना चाहिए । कथा के संयोजक भाजपा नेता महेश बसावतिया ने बताया कि कथा समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया । बसावतिया ने आगे कहा कि पूर्णाहुति में विश्वकर्मा मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रभु दयाल जागीड़, हरिकिशन जांगीड़, नथमल जांगीड़, श्रवण कुमार जागीड़, श्याम, दिनेश, रमेश, नवल जांगीड़ के साथ सैकड़ों की संख्या में मातृशक्ति ने यज्ञ का पुण्य लाभ प्राप्त किया ।