भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षैत्रों में स्वच्छता का स्तर मापने के लिए आगामी एक से 30 अगस्त, 2018 तक स्वच्छता सर्वेक्षण करवाया जा रहा है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि सर्वेक्षण में स्वच्छता की गतिविधियों के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किये गये है, जिसमें नागरिक प्रतिक्रिया (सिटीजन फीडबेक) के 35, सेवा स्तर प्रगति के 35 तथा प्रत्यक्ष अवलोकन के 30 प्रतिशत अंक निर्धारित किये गये है। सिटीजन फीडबेक के 35 प्रतिशत अंकों का उप विभाजन करते हुए स्वच्छता एप पर डाउनलोड करने पर अधिकतम 5 प्रतिशत स्वच्छता अभियान के बारे में आमजन की जानकारी, ठोस व तरल कचरा प्रबन्धन के बारे में राय तथा प्रचार-प्रसार के 30 प्रतिशत अंक रखे गये है। सेवा स्तर प्रगति के 35 प्रतिशत अंको को स्वच्छता कवरेज, ओ.डी.एफ. ग्राम पंचायतों की संख्या, स्वच्छता गतिविधियों का सत्यापन, जियोटेगिंग, शौचालयों के लगातार उपयोग के 5 से 10 प्रतिशत अंक निर्धारित किये है। इसी तरह सार्वजनिक शौचालयों की उपलब्धत्ता एवं उपयोग, कचरा निस्तारण व जल निस्तारण की गतिविधियों के भौतिक सत्यापन के बाद 30 प्रतिशत अंक मिलेगें। सर्वेक्षण के लिए जिले के किन्ही 10 गांवों का रेण्डम तरीके से चयन किया जाकर केन्द्रीय टीम द्वारा सत्यापन किया जायेगा। जिला स्तर पर सोमवार को आयोजित कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा सभी पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों स्वयंसेवी संगठनों से आह्वान किया गया है कि सर्वेक्षण में शामिल गतिविधियों की गुणवत्ता में सुधार करेें तथा ऑन लाईन एप का उपयोग कर स्वच्छता पर अपनी राय दें