मुख्यमंत्री ने ली जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक
सीकर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो। इसके लिए राज्य सरकार प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए धन की किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। विभागीय अधिकारी योजनाओं को चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ाते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त बजट का समय पर उपयोग करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन एवं अमृत 2.0 योजना के तहत चल रहे कार्यों तथा बजट घोषणाओं से जुड़े कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग कर इन्हें शीघ्र पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री शर्मा शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रमुख शासन सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी भास्कर ए. सावंत ने मुख्यमंत्री को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभागीय योजनाओं एवं बजट घोषणाओं की प्रगति की जानकारी दी।
शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल के मात्र 11 महीनों में ही जल जीवन मिशन के तहत 10.32 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उन्होंने इस योजना के कार्यों में तेजी लाते हुए गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया। शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत गांवों में लगने वाले नलकूपों एवं जल आपूर्ति प्रणाली के संचालन हेतु आवश्यक विद्युत की व्यवस्था सोलर प्लांट लगाकर की जाए। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में हुए कनेक्शनों के रख-रखाव के लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जाए।
अमृत 2.0 के तहत तय लक्ष्यों को शीघ्र करे पूरा-
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार की अमृत 2.0 योजना के तहत चल रहे कामों की नियमित मॉनिटरिंग करते हुए उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर जल प्रबंधन को और प्रभावी बनाए। साथ ही, स्थानीय नागरिकों एवं जन प्रतिनिधियों की जल प्रबंधन में भागीदारी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मल्टी स्टोरी इमारतों में जल कनेक्शन के लिए विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर उचित कार्यवाही की जाए।
रिक्त पदों पर शीघ्र की जाए भर्ती-
शर्मा ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में रिक्त पदों की स्थिति की भी समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार देना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। अतः विभाग में राजपत्रित, अराजपत्रित, तकनीकी एवं चतुर्थ श्रेणी संवर्ग के रिक्त पड़े 12 हजार से अधिक पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए। उन्होंने 3500 पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
विभागीय कार्यों में आमजन की सुविधा का रखा जाए ध्यान-
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन एवं अमृत 2.0 सहित विभागीय योजनाओं के तहत पाइपलाइन बिछाने के कार्यों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आमजन को इससे परेशानी न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग द्वारा पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों का जिला कलेक्टरों के स्तर पर निरीक्षण करवाकर विस्तृत रिपोर्ट मंगवाई जाए और कार्य समाप्ति के तुरंत बाद सड़क की मरम्मत-पुनर्निर्माण करवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नवनिर्मित सड़कों तथा सीसी रोड़ को बिना खोदे पाइपलाइन वैकल्पिक मार्गों से बिछाने का भी प्रयास किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रहे ट्यूबवेल, हैंडपंप एवं टूटी हुई पाइपलाइन के बारे में जानकारी ली तथा अधिकारियों को इस संबंध में सभी लंबित मामलों को तुरन्त निस्तारित कर जनता को राहत देने के निर्देश दिए। शर्मा ने कहा कि न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण अटकी विभागीय योजनाओं की प्रभावी पैरवी कर उनका भी शीघ्र निस्तारण करवाया जाए।
अवैध कनेक्शनों के खिलाफ की जाए सख्त कार्रवाई-
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर अवैध कनेक्शनों को चिन्हित कर उन्हें काटा जाए तथा संबंधित व्यक्ति पर जुर्माने सहित अन्य सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध कनेक्शनों के कारण वैध कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है और पानी की बर्बादी भी होती है। उन्होंने कहा कि पानी की प्रत्येक बूंद को सहेजना आज की जरूरत है। ऐसे में, राज्य सरकार नगरीय एवं औद्योगिक क्षेत्रों में सीईटी एवं एसटीपी का निर्माण एवं संचालन करवाकर पानी का मल्टीयूज कर रही है।
इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री कन्हैयालाल, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) श्री शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता, मिशन निदेशक जल जीवन मिशन कमर उल जमान चौधरी सहित पीएचईडी, जल जीवन मिशन एवं भूजल विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।