Video News – झुंझुनू में जरा सी चूकी भाजपा तो सूपड़ा साफ होना तय : Exclusive Report
एक दो सीटों पर जहा पर जीत सकते है प्रत्याशी वहा पर चूकी भाजपा तो पड़ेगा भारी
पिछले लगभग पांच साल के समय में जिला संगठन नहीं बना पाया आम जनता से बॉन्डिंग
झुंझुनू, झुंझुनू जिला यूं तो कांग्रेस का हमेशा से गढ़ माना जाता रहा है लेकिन पिछले कुछ चुनाव से यहां पर भाजपा के उम्मीदवार जीतना शुरू हुए ही थे। लेकिन वर्तमान में भाजपा की झुंझुनू जिले में जो स्थिति बनी हुई है वह किसी से छुपी हुई नहीं है। जिला मुख्यालय के संगठन द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में 5 साल के दौरान जनता ने भाजपा से दूरी ही बनाई रखी है। वहीं पिछले दिनों तो झुंझुनू के एसडीएम और एएओ के विवाद को लेकर जब अशोक गहलोत और मंत्री बृजेंद्र ओला का पुतला फूंका गया इस कार्यक्रम में भी आम जनता की भीड़ तो छोड़िए पूरे भाजपाई भी इकट्ठे नहीं हुए थे। वहीं गत दिनों झुंझुनू में भाजपा का किसानों को लेकर आक्रोश रैली हुई थी। उसमें भी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति में भी भाजपाई भीड़ जोड़ने में नाकामयाब साबित हुए। इसी प्रोग्राम के दौरान जब लोग कार्यक्रम से उठकर बाहर जाने लगे तो जिला अध्यक्ष का लोगों के साथ उलझने का वीडियो भी सोशल मिडीया पर जमकर वायरल हुआ था। जिसमें बताया गया था कि जिला अध्यक्ष लोगों को कार्यक्रम के दौरान बाहर जाने से रोक रहे थे। इस कार्यक्रम के बाद सीपी जोशी भी अच्छे खासे नाराज बताए जा रहे हैं। कुल मिलाकर भाजपा के जितने भी कार्यक्रम या प्रदर्शन हुए हैं उनमें आम जनता ने तो दूरी पूरी तरह बनाए रखी।
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आम जनता को राहत देने के लिए जो योजनाएं चलाई जा रही है उनसे गरीब तबका बहुत ही खुश दिखाई पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में झुंझुनू जिले की सीटों में से भाजपा द्वारा सीट निकालना दुश्मन के इलाके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने जैसा होगा। ऊपर से जिला स्तर के संगठन में बाहर से आए हुए लोगों को तवज्जो ज्यादा मिला। जिसके चलते पुराने भाजपाइयों ने भी अभी तक दूरी बनाई हुई है। पार्टी के लिए सालों से कम करने वाले लोगों को दरकिनार करते हुए संगठन में जिला स्तर पर हवा हवाई नेताओं को ज्यादा तवज्जो मिली जिसके चलते पूरा समय खुद को स्थापित करने में ही पदाधिकारी लग रहे। वहीं अब चुनाव सिर पर आ चुके हैं और टिकट वितरण को लेकर मंथन हो रहा है। ऐसी स्थिति में झुंझुनू जिले के एक या दो विधानसभा क्षेत्र ही ऐसे हैं जहां से भाजपा अपनी सीट निकाल सकती है लेकिन इन स्थानों पर भी यदि उन उम्मीदवारों को दरकिनार किया गया जो संघर्ष करने की हर तरीके से क्षमता रखते हैं तो झुंझुनू जिले से भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाए तो भी कोई बड़ी बात नहीं है।