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Video News – चुनाव परिणाम का पोस्टमॉर्टम : झुंझुनू जिले के चुनाव परिणाम में दिग्गज हुए धराशाही

मंत्री, सांसद और मुख्यमंत्री सलाहकार को दिखाया हार का रास्ता

झुंझुनू, झुंझुनू जिला शिक्षा के क्षेत्र में तो अग्रणी माना जाता है ही साथ ही यहां के लोगो की राजनीतिक सूझबूझ भी हमेशा से उच्च ही रही है। इस बार का विधानसभा चुनाव दिग्गजों के धराशाही होने के लिए भी याद किया जाएगा। जिसमें गत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा, वर्तमान सांसद नरेंद्र कुमार और मुख्यमंत्री सलाहकार डॉ राजकुमार जैसे दिग्गज धराशाही हो गए। झुंझुनू जिले की जनता ने कुछ हाई प्रोफाइल टाइप के नेताओं को भी नकार दिया और उन्होंने एक बार फिर से उन्ही प्रत्याशियों के ऊपर अपनी जीत की मोहर लगाई जो लगातार जनता के बीच में रहते हैं। बात मंडावा विधानसभा क्षेत्र से शुरू करें तो यहां पर रीटा चौधरी ने संसद नरेंद्र कुमार को बड़े मार्जिन से चुनाव हराया है। जिसकी संभावना न तो राजनीतिक विश्लेषकों को थी और न ही जीतने वाले प्रत्याशी को। सांसद नरेंद्र कुमार को हार का सामना कई कारणों से करना पड़ा। एक तो सांसद बनने के बाद मंडावा की जनता से उनकी कुछ दूरियां बढ़ गई दूसरी बात जिस तरह से उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देकर सांसद का चुनाव जीता और नगर परिषद से भी अपने परिजन को ही सभापति बनने का असफल प्रयास किया। वहीं जिला प्रमुख के पद पर अपने पुत्रवधू को आसीन करवा दिया। इसके चलते भी परिवारवाद के पोषण की आशंका के चलते लोगों ने उन्हें नकार दिया। सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी संतोष अहलावत को तत्कालीन समय में विधायक और सांसद बनने के बाद से जनता से दूर रहना भारी पड़ा। उसे समय श्रवण कुमार के खिलाफ उन्होंने विधानसभा चुनाव में जितनी बड़ी जीत हासिल की थी। इस बार श्रवण कुमार ने भी झुंझुनू जिले की बड़ी जीत उनके खिलाफ हासिल की है। इन दोनों ही स्थान की जनता ने अपने बीच उपलब्ध होने वाले प्रत्याशी को चुनकर ही विधानसभा भेजा है। वही बात उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां से जनता ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को और पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को दरकिनार करते हुए सीधे सरल व्यक्ति भगवाना राम सैनी के गले में जीत का हार पहना दिया। वही नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे पूर्व मंत्री और मुख्यमंत्री सलाहकार डॉ राजकुमार शर्मा के किले को भी इस बार जनता ने ईवीएम से ध्वस्त कर दिया और एक नए चेहरे विक्रम सिंह जाखल को अपना प्रतिनिधि बनाकर विधानसभा पहुंचा दिया।

पिलानी विधानसभा क्षेत्र में भले ही राजेश दहिया भारतीय जनता पार्टी की टिकट लाने में कामयाब हो गए लेकिन कैलाश मेघवाल के निर्दलीय मैदान में आने से आम जनता ने यह मैसेज भी दे दिया कि टिकट पार्टी नहीं जानता निर्धारित करती है। जिसका परिणाम यह हुआ कि बिल्कुल ही सीधे स्वभाव के अधिकारी रहे राजनीति में नव आगंतुक पितराम सिंह काला को विधानसभा का परमिट पिलानी की जनता ने दे डाला। वही खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने एन वक्त पहले पार्टी बदलकर भाजपा से कांग्रेस में जाने वाली मनीषा गुर्जर को भी नकार दिया। वहीं अपने बीच से खेतड़ी से धर्मपाल गुर्जर को ही विधानसभा पहुंचा दिया। बात झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां से भले ही बृजेंद्र ओला दिग्गज परिवार से आते हो लेकिन उनके व्यवहार में हमेशा से ही एक सीधा सरल व्यक्ति लोगों को नजर आता है उनकी इस छवि का भी उनको फायदा मिला। वहीं भाजपा की तरफ से निर्दलीय प्रत्याशी ने भी भाजपा का गेम प्लान यहां से बिगाड़ दिया। झुंझुनू जिले की जनता ने चुनाव में दिग्गजों को जहां धराशाही कर दिया है। वही दंभ और हाई प्रोफाइल रहने वाले लोगों को भी नकार कर अपने बीच उपलब्ध नेताओं को ही ज्यादा तरजीह इस चुनाव में दी है। शेखावटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू

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