झुंझुनू, जिला एवं सेंशन न्यायाधीश अशोक कुमार जैन द्वारा दिए निर्णय में अपनी पत्नी की गला घोटकर हत्या कर केरोसिन तेल डाल शव को खेत में गढ्ढ़ा खोदकर दबा देने के मामले में पति प्रदीप कुमार पुत्र भागीरथ मल जाट निवासी गुंगारा पुलिस थाना दादिया जिला सीकर को आजीवन कारावास की सजा दी है जबकि इस मामले के दो अन्य आरोपी चंद्रजीत उर्फ लीलू पुत्र श्रीराम जाट निवासी कुमावास व राजेन्द्र उर्फ गज्जु पुत्र तारासिंह जाट निवासी पलासिया तन पिपराल को सभी आरोपो से बरी कर दिया है। मामले के अनुसार 20 सितम्बर 2016 को जयपाल पुत्र मूलाराम जाट ने एक रिपोर्ट पुलिस थाना नवलगढ़ पर दर्ज कराई कि उसकी पुत्री निर्मला देवी पत्नी प्रदीप कुमार जो अपने ससुराल गुंगारा से 13 सितम्बर 2016 को अपने पीहर खिरोड़ आई हुई थी तथा 17 सितम्बर 2016 को प्रात: उसके पति प्रदीप से वार्ता हुई तो निर्मला के घरवालो ने बताया कि उसका पति उसे कपड़े दिलाने के लिये बुला रहा है। इस पर निर्मला खिरोड़ से चली गयी तथा सायं तक घर नही पहुँची तो पता चला की निर्मला अपने ससुराल भी नही पहुँची और मोबाईल बंद आ रहा है। रिश्तेदारो आदि के यहां पता किया तो भी निर्मला का पता नहीं चला। रिपोर्ट में बताया कि निर्मला उसे बताती थी कि उसके पति के किसी नर्स के साथ अवैध सम्बन्ध है। रिपोर्ट में आशंका प्रकट की गयी कि उसकी पुत्री निर्मला देवी को प्रदीप आदि ने कही ले जाकर हत्या कर दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारम्भ की तथा प्रदीप की निशानदेही से 20 सितम्बर 2016 को एक खेत में बने गढ्ढे से पत्नी निर्मला का शव निकलवाया व उसका पोस्टमार्टम करवाया गया। पुलिस ने बाद जांच प्रदीप कुमार, चंद्रजीत उर्फ लीलू तथा राजेन्द्र उर्फ गज्जु के विरूद्ध सम्बन्धित न्यायालय में हत्या आदि का चालान पेश कर दिया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने अभियोजन पक्ष की तरफ से 12 गवाहो के बयान लेखबद्ध करवाये तथा 35 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये गये। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश£ेषण करते हुए आरोपी पति प्रदीप कुमार को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी मानते हुए निर्णय में लिखा कि आरोपी प्रदीप ने अपनी पत्नी का सदोष मानव वध करते हुए उसके शव को केरोसिन डालकर गढ्ढा खोदकर गढ्ढे के अंदर दबा दिया तथा प्रदीप की निशानदेही से ही पुलिस ने शव को बरामद किया। यही नहीं आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके सबूतो को भी नष्ट किया है। न्यायाधीश ने उक्त सजा के साथ-साथ आरोपी प्रदीप पर 10 हजार रूपये अर्थदण्ड व अर्थदण्ड अदा नही करने पर उसे एक वर्ष का और कठोर कारावास पृथक से भुगतने का आदेश देते हुए सबुत नष्ट करने के आरेाप में भी प्रदीप को 3 वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया तथा मूल कारावासीय दण्ड साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया।