लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम व बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के विशेष न्यायाधीश सुकेश कुमार जैन द्वारा दिये एक निर्णय में सात वर्षिय एक अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी शहजाद उर्फ काला पुत्र मतलुबा उर्फ रमजान फकीर निवासी यूपी हाल निवासी पिलानी को आजीवन कारावास की सजा तथा 10 हजार रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया है। मामले के अनुसार 16 मार्च 2017 को परिवादी सन्नी ने एक रिर्पोट पुलिस थाना पिलानी पर दी की उस रोज करीब दो-तीन बजें दोपहर में उसकी सात वर्षिय पीडि़ता लडक़ी को शहजाद फकीर पीडि़ता को चीज खिलाने के लिये अपने साथ ले गया और सांय 6 बजें लेकर आया तो पीडि़ता के गुप्तांग से खून आ रहा था तथा वह रो रही थी उसके साथ सहजाद ने झाडिय़ों में दुष्कर्म किया है। पीडि़त बालिका ने बताया कि शहजाद ने उससे झाडिय़ो में मारपीट की व जबरदस्ती की है। इस रिर्पोट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर बाद जांच शहजाद के विरूद्ध पोक्सो एक्ट आदि में चालान संबधित न्यायालय में पेश कर दिया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने 16 गवाहान के बयान करवाये व 42 दस्तावेंज प्रदर्शित करवाये। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आयी साक्ष्य का बारिकी से विशलेषण करते हुये अपने आदेश में लिखा की जिस छोटी बालिका को देखकर उसके प्रति दुलार का भाव होना चाहिये, उसके स्थान पर यदि अपनी विकृत कामवासना की संतुष्टि का भाव आये तो यह बलात्कार के अपराध का सर्वाधिक धृणित रूप है। कोइे व्यक्ति यह सोच भी नही सकता की धर के बाहर खेल रही छोटी बच्ची को उसका रिश्तेदार ले जायेगा और उसके साथ बलात्कार कर लेगा। न्यायाधीश ने शहजाद को पोक्सो एक्ट में भी और आजीवन कारावास की सजा व दस हजार रूपये अर्थ दण्ड देते हुये उसे बालिका के अपहरण के मामले भी दस वर्ष के कठोर कारावास व 5 हजार रूपये जुर्माने की और सजा देते हुये सभी सजाये साथ-साथ भुगतने के आदेश दिये है तथा पीडि़ता को न्यायालय ने पीडि़त प्रतिकर अधिनियम के तहत उचित प्रतिकर दिलाये जाने की भी सिफारिश की है।