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प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है पौधरोपण – कुमार अजय

घांघू के हीराराम नोखवाल की स्मृति में मुक्ति धाम में लगाए पौधे

घांघू, पर्यावरण प्रेमी हीराराम नोखवाल की सातवीं पूण्य तिथि पर आज मंगलवार सुबह गांव घांघू के मुक्तिधाम में उनके परिजनों की तरफ से पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन कर 151 पौधे लगाए गए। सहायक निदेशक (जनसम्पर्क) कुमार अजय, पूर्व एथलीट हरफूल सिंह रेवाड़, सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा, शहीद के पिता रामलाल फगेड़िया, बीरबल नोखवाल आदि ने शिरीष एवं बड़ के पौधे लगाकर पौधरोपण का शुभारंभ किया। इस दौरान युवाओं ने शिरीष, बड़, इमली, फोग, शहतूत, शीशम आदि के पौधे लगाए और उनकी देखरेख का जिम्मा लिया। इस मौके पर सहायक निदेशक (जनसम्पर्क) कुमार अजय में कहा कि हमारा सम्पूर्ण जीवन प्रकृति के उपकार का परिणाम है। प्रकृति हमें सब कुछ देती है लेकिन मनुष्य अपने तुच्छ स्वार्थ में प्रकृति का दोहन तो करता ही है, अपने विभिन्न कृत्यों से प्रकृति के लिए चुनौती उत्पन्न करता है। ऐसे में पेड़ लगाना वास्तव में प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करना है। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए हर आदमी को योद्धा बनना होगा। उन्होंने स्व. हीराराम नोखवाल का स्मरण करते हुए पौधरोपण जैसे पुनीत कार्य के लिए उनके पुत्र बीरबल नोखवाल को साधुवाद दिया। सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा ने कहा कि हमें प्रत्येक अवसर पर पौधरोपण करना चाहिए ताकि हमारा प्रदेश हरा भरा और स्वस्थ बन सके। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक और क्षेत्र के जाने-माने एथलीट हरफूल सिंह रेवाड़ ने कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन के लिए जरूरी है कि हम ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं। राजस्थान जैसे मरुप्रदेश में तो यह बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को लगाए गए पौधों की देखरेख का भी जिम्मा लेना चाहिए। बीरबल नोखवाल ने बताया कि भविष्य में भी पौधरोपण किया जाएगा। इस दौरान शहीद के पिता रामलाल फगेड़िया, ताराचंद प्रजापत, केशरदेव प्रजापत, मुरारीलाल दर्जी, बनवारीलाल रेवाड़, जयलाल मांझू, वासुदेव सिहाग, महेंद्र जांगीड़, विजेंद्र सिहाग, श्रवण दर्जी, सुरक्षित रेवाड़, मनीष दर्जी, नरेंद्र ढाका, सुनील सिहाग, अमित प्रजापत, लालचन्द जांगीड़, हेमराज दर्जी, पंकज जांगीड़, नवरत्न दर्जी, विनीत राहड़, दीनदयाल प्रजापत, शंकरलाल प्रजापत, विकास रेवाड़, राधेश्याम आदि ग्रामीण युवा मौजूद थे।

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