खेत-खलियानझुंझुनूताजा खबर
पाले से फसलों को बचाने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को दिए महत्वपूर्ण सुझाव
झुंझुनूं, पश्चिमी विक्षोभ के कारण आगामी 22 दिसंबर से 5 जनवरी तक ठंड में तीव्र वृद्धि और हल्की बारिश की संभावना के चलते कृषि विभाग ने किसानों को शीतलहर एवं पाले से अपनी फसलों को बचाने के लिए विशेष सलाह दी है। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) प्रकाश चन्द्र बुनकर ने बताया कि पाले के कारण टमाटर, मिर्च, बैंगन, धनिया, मटर, चना, सरसों और गेहूं जैसी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
कृषि विभाग ने किसानों को निम्न उपाय अपनाने की सलाह दी है::
- घूंआ करना: जिस रात पाला पड़ने की संभावना हो, उस रात खेतों के किनारों पर घास-फूस और कचरा जलाकर घूंआ करें। इससे वातावरण में गर्मी बनेगी और फसलों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।
- गंधक और थायो यूरिया का छिड़काव: गंधक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत घोल (2 ग्राम प्रति लीटर पानी) या थायो यूरिया (500 पीपीएम) का छिड़काव 15-15 दिन के अंतराल पर करें।
- हल्की सिंचाई: पाला पड़ने की संभावना होने पर खेत में हल्की सिंचाई करें। यह जमीन में नमी बनाए रखेगा और तापमान को 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ाने में मदद करेगा।
- फसलों को ढकना: सब्जियों की फसलों को पाले से बचाने के लिए उन्हें पॉलीथीन या भूसे से ढक दें। ठंडी हवा से बचाव के लिए खेतों के किनारे वायुरोधी टाटीयां लगाएं।
- वायुरोधक पेड़ लगाएं: खेतों की मेड़ों पर शहतूत, शीशम, खेजड़ी और बबूल जैसे वायुरोधक पेड़ लगाएं, ताकि ठंडी हवाओं से फसलों को सुरक्षा मिल सके।