छठे दिन ही नेगेटिव आयी रिपोर्ट डॉक्टरों का जताया आभार
झुंझुनूं, देरवाला निवासी 23 वर्षिय अनुप्रेश छठे दिन ही कोरोना को हराकर रिकवर हो गया है कोरोना पॉजिटिव होकर बीडीके अस्पताल में भर्ती होने के 6 दिन बाद लिए गए सेम्पल में अनुप्रेश की रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी। अनुप्रेश ने बताया कि खुद के हौसले, डॉक्टरों की देखरेख में उचित इलाज से वो कोरोना को हराने में सफल रहे हैं। उसने बताया कि वो मुंबई में नर्सिंग स्टाफ के रूप में काम करता था 22 मई को मुंबई से बस के जरिये झुंझुनूं स्थित अपने देरवाला स्थित घर के लिए आ रहा था लेकिन सीकर झुंझुनूं सीमा पर उनकी बस को रोककर मेडिकल टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग की और कोई लक्षण नही मिलने पर हाथ पर मोहर लगा कर घर चले जाने और 14 दिन तक घर से बाहर न निकलने का निर्देश दिया। इसी बीच मैंने मेरे चाचा जी जो सीएमएचओ ऑफिस में कार्यरत है डॉ महेश कड़वासरा को कॉल कर जानकारी दी तो उन्होंने घर न आने की बात कहते हुए बीडीके अस्पताल में जाकर सैम्पल देने की बात कही। इसके बाद मैं सीधा बीडीके अस्पताल पहुँचा जहाँ से मुझे खेमी सती में बने क्वारन्टीन सेंटर भेज दिया गया। जहां अगले दिन यानी 23 की शाम को मेरा सैम्पल हुआ। 25 को जिसकी आशंका थी वही हुआ रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। मुझे बीडीके अस्पताल शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया। मुझे एक सुकून मिला चलो मेरे घर न जाने से मेरे ममी पापा और घरवाले संक्रमित होने से बच गए। मैं अस्पताल में बिल्कुल भी नही घबराया समय पर दवा खाई। मेरे हौसले और डॉक्टरों की उचित देखरेख से मैंने 6वे दिन ही कोरोना को हरा दिया। मेरे रिपीट सेम्पल की रिपोर्ट सोमवार को नेगेटिव आयी। मैं सभी लोगों से यही अपील करना चाहता हूँ कि घबराने की जरा सी भी जरूरत नहीं है जरूरत सिर्फ सावधानी और सतर्कता बरतने की है। तमाम सावधानी और कोशिशों के बावजूद भी संक्रमित हो जाये तो भी हौसला न खोएं। डॉक्टरों की देखरेख में जल्द विसंक्रमित हो सकते हैं। मैं कोरोना के इलाज में जुटे सभी डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ को धन्यवाद देता हूँ।