राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने कहा है कि शहीद को भगवान का दर्जा है । शहीद की मूर्तियां आने वाली पीढ़ी को सदैव प्रेरणा देती रहेगी। वे शुक्रवार को लक्ष्मणगढ़ तहसील के भोजासर बड़ा गांव में शहीद बहादुर सिंह शेखावत के मूर्ति अनावरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शहीदों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए जो अपना बलिदान दिया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। शहीदों को किसी भी जाति ,धर्म में नहीं बांटना चाहिए। देश की रक्षा के लिए देश के लाडलों ने हंसते-हंसते सामने छाती पर गोली खाकर प्राणोत्सर्ग करते हुए अपनी जान दी। जिले के जवानों कभी भी दुश्मन को पीठ नहीं दिखाई और युद्ध के दौरान उन्होंने यह नहीं देखा कि सामने वाला दुश्मन किस जाति व धर्म का है। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि शहीदों के मान सम्मान में किसी तरह की कोई कमी नहीं आने देवे। जिन्हें शहीद होने का दर्जा प्राप्त होता है वो तो विरले ही होते है। उन्हें तो छतीस बिरादरी के लोगों को ही देवता तुल्य मानना चाहिए उन्होंने कहा कि आज पृथ्वी पर जितने भी देवी देवता है उनके आगे कभी जाति नहीं लिखी हुई है। देवताओं ने भी उस जमाने में इंसान के रूप में जन्म लेकर देश हित में चमत्कारिक कार्य किए थे, इसलिए उन्हें हम आज सदियों से देवता के रूप में पूजते आ रहे है। उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत की बदौलत ही देश की सीमा एवं हम सुरक्षित है। हमें वर्तमान में सेना में कार्यरत और गौरव सैनानियों के मान-सम्मान में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए। इन सभी का भी देश को सुरक्षित बनाये रखने में बहुत बड़ा योगदान है। यू.आई.टी. अध्यक्ष हरिराम रणवां ने कार्यक्रम में कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि शहीदों के परिजनों के सुख-दुख में साथ रह कर उन्हें सम्बल प्रदान करें। विशिष्ट अतिथि लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा ने इस अवसर पर कहा कि हम सभी शहीदों को मान सम्मान देने का कार्य करें। कार्यक्रम में फतेहपुर के पूर्व विधायक दिलसुखराय चौधरी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमाण्डर हीर सिंह, लक्ष्मीदेवी सरपंच, पूर्व व्यवस्थापक दौलत सिंह शेखावत, पूर्व सरपंच गणेश सिंह, सुभाष ढाका, शहीद के पिता भगवत सिंह, माता फूल कंवर, शहीद वीरांगना मंगेज कंवर, ग्रामीण जन, स्त्री-पुरूष बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।