जिला मजिस्ट्रेट उमर दीन खान ने बताया
झुंझुनू, जिला मजिस्ट्रेट उमर दीन खान ने बताया कि जिले में धारा 144 निषेधाज्ञा के दौरान किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभा, सम्मेलन, रैली, जुलूसों आदि का आयोजन जिला मजिस्ट्रेट या उसके द्वारा इस प्रयोजन के लिए प्राधिकृत अधिकारी (संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट) की लिखित अनुज्ञा के बिना नहीं किया जायेगा। सक्षम अधिकारी ऎसी शर्तो के साथ, जिन्हें वे उचित समझे, अध्यपेक्षित अनुज्ञा दे सकेगा। परन्तु वह किसी ऎसी सड़क, मार्ग या आम रास्ते में कोई ऎसी सभा आयोजित करने या एकत्र करने या ऎसे जुलूस बनाने के लिए अनुज्ञा नहीं दी जाये जिससे शांति भंग होने की संभावना हो। अनुज्ञा की शर्तो एवं प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करने का दायित्व संबंधित क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, पुलिस उपअधीक्षक एवं थाना प्रभारी की होगी। यह अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सार्वजनिक आयोजन हेतु जारी की गई अनुज्ञा में वर्णित शर्तो एवं प्रावधानों की मौके पर पालना आयोजकों द्वारा कर ली गई है। ऎसे आयोजनों में आयोजकों द्वारा अग्निशमन व्यवस्थाऎं, एम्बूलेंस, चिकित्सा सुविधाएं, सुरक्षित विद्युत व्यवस्था एवं सुदृढ एवं सुरक्षित पाण्डाल की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी। कोई भी पुलिस अधिकारी जिस पर किसी जनसभा या जुलूस को विनियमित करने का दायित्व है। ऎसे किसी भी जुलूस के लिए अध्यपेक्षित अनुज्ञा प्राप्त नहीं की है अथवा उसकी राय में शर्तो का उल्लंधन किया गया है, तो ऎसे जुलूसों को रोक सकेगा और किसी भी जुलूस या ऎसी किसी सभा को तीतर-भीतर होने का आदेश दे सकेगा। जुलूसों, कार एवं मोटर साईकिल रैली के लिए रूटचार्ट का चिन्हिकरण एवं जनसुरक्षा के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्थाऎं सुनिश्चित करने का दायित्व जिला पुलिस अधीक्षक का होगा। जिला कलेक्टर ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक सहित अन्य समस्त पुलिस अधिकारीगण का यह दायित्व होगा कि ऎसे आयोजनों के लिए अनुज्ञा प्राप्त करना नहीं पाया जाता है या अनुज्ञा की शर्तो का उल्लंधन किया गया है, तो ऎसे आयोजनों को तत्काल रोक दिया जाएगा व विधिसम्मत अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।