जलदाय विभाग में इन दिनों पोपाबाई का राज चल रहा है। सुनने में भले अजीब लगे, परंतु विभाग की कार्यप्रणाली से तो फिलहाल यह ही प्रदर्शित हो रहा है। सांसद आदर्श गांव चला में विभाग ने सितम्बर के बाद सीधे उपभोक्ताओं को अब मार्च के बिल ही भिजवाये है। बिल में इसके साथ ही पिछले सात महीनों की बकाया राशि मय ब्याज व पेनल्टी को भी शामिल किया गया है। एक साथ सात महीनों के बिल भिजवाने से एक ओर उपभोक्ताओं को जहां ब्याज व पेनल्टी की राशि के रूप में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर मानसिक प्रताडऩा का सामना करना पड़ रहा है। मजे की बात तो यह है कि सात महीने के बिल जमा कराने की अंतिम तिथि से मात्र एक रोज पूर्व ही उपभोक्ताओं को मिले है 600 से लेकर 700 रुपये तक के बिलों की राशि को उपभोक्ताओं की ओर से चुकाना संभव नहीं हो पा रहा। ग्रामीणों ने बताया कि जब विभाग की गलती है तो जुर्माना हम क्यों भुगते, इधर विभाग के एईएन सत्यवीर यादव ने बताया बिल भेजे थे, स्थानीय कर्मचारी की गलती होगी बांटे नही जांच करगें।