अस्पताल प्रशासन अलर्ट मोड पर
चूरु, [सुभाष प्रजापत ] चूरू में डेंगू का डंक लोगों को सताने लगा है। अस्पताल में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसको लेकर डीबी अस्पताल प्रशासन अलर्ट मोड पर है। वार्डों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करवाई है। वहीं, दूसरी ओर दवाई और जांच कीट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। अस्पताल में प्रतिदिन करीब 2000 रोगियों का आउट डोर रहता है, जिसमें अधिकतर रोगी मौसमी वायरल व डेंगू के मिल हैं। अस्पताल के वार्डों में डेंगू के रेपिड कार्ड में पॉजिटिव आए 3 रोगी मेल मेडिकल वार्ड में भर्ती हैं।डीबी अस्पताल अधीक्षक डॉ. हनुमान जयपाल ने बताया कि अक्टूबर में 682 रोगियों का डेंगू का कार्ड टेस्ट किया गया, जिनमें 81 रोगी पॉजिटिव सामने आए हैं। अस्पताल की माइक्रो लैब में 888 रोगियों का एलाइजा टेस्ट करवाया गया, जिनमें 33 रोगी पॉजिटिव आए हैं। डॉ. जयपाल ने बताया कि सोमवार को चार डेंगू पॉजिटिव आए थे। वह भी रैपिड कार्ड पॉजिटिव थे। बारिश के कारण शहर में जगह-जगह गंदा पानी एकत्रित है। इसको लेकर चिकित्सा प्रशासन इतने दिनों तक सुस्त था। मगर सोमवार से चिकित्सा प्रशासन ने एंटी लार्वा फॉगिंग करवाई है। इसके बाद भी विभाग अगर इसमें शिथिलता बरतता है तो इसके परिणाम भी गंभीर हो सकते हैं।डीबी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. मो. आरिफ ने बताया कि डेंगू के शुरुआती लक्षण में तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, मासपेशियों में दर्द, आंखों के गोले में दर्द होने लग जाता है। इसके बाद 2-3 दिन बाद शरीर में थकावट शुरू हो जाती है। जी घबराना, भूख बहुत कम लगना और सुस्ती रहने लग जाती हैं। चौथे और पांचवे प्लेटरेट कम होना, चक्कर आना, पेट के आगे के हिस्से में दर्द होना, ब्लड प्रेशर कम होने से चक्कर आने लग जाते हैं। डॉ. आरिफ ने बताया कि डेंगू के लक्षण सामने आने पर तुरन्त डॉक्टर से सलाह लेकर ब्लड टेस्ट करवाए। डेंगू की पुष्टी होने पर डॉक्टर की सलाह लेकर मेडिसिन लें। वहीं, डेंगू होने पर पानी, दूध, जूस, लस्सी, छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी, दलिये के साथ रूटीन डाइट लेनी चाहिए। इसके अलावा डेंगू में रेस्ट करना बहुत जरूरी है।डॉ. आरिफ ने बताया कि डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवाइयां लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह दवाई लेने से ब्लीडिंग की शिकायत हो सकती है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए डेंगू होने पर तुरन्त डॉक्टर को दिखाकर ही मेडिसिन लें।