जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागृह में निरुद्ध महिला बंदीजनों तथा उनके साथ निवासरत बच्चों तक विधिक सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से चल रहे 10 दिवसीय विशेष अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव मधु हिसारियां ने बुधवार को कारागृह का निरीक्षण कर टीम द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी प्राप्त की तथा इस अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग द्वारा महिला बंदियों हेतु उपलध करवाई गई धार्मिक पुस्तकों को महिला बंदियों को भेट कर हिंदू धर्म ग्रन्थ गीता की जानकारी प्रदान की।
जानकारी प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। हिन्दू शास्त्रों में गीता का सर्वप्रथम स्थान है। गीता में अत्यन्त प्रभावशाली ढंग से धार्मिक सहिष्णुता की भावना को प्रस्तुत किया गया है जो भारतीय संस्कृति की एक विशेषता है। इसमें सम्पूर्ण वेदों का सार निहित है और इसकी महता को शब्दों में वर्णन करना असंभव है। हिसारिया ने बताया कि हम सब को अपने जीवन में धार्मिक पुस्तके पढ़ते रहनी चाहिए और दूसरों को भी पढ़ायें।
जिला कारागृह में रह रही महिला बंदीजन को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झुंझुनूं द्वारा गठित टीम के सदस्य डॉ. कपूर थौलार, डॉ. सरोज पायल, डॉ0 रूपेश सैनी द्वारा महिला बंदीजन के स्वास्थ्य की जांच की और स्वस्थ रहने की जानकारी प्रदान की गई। इसी दौरान महिला बाल विकास विभाग की सदस्या श्रीमती आभा झाझडिय़ा, अधिवता सदस्य अंशुमान सिंह शेखावत, किरण बियाला, मीना कुमारी, एन.जी.ओं. प्रतिनिधि सदस्य विकास कुमार राहड़, टीम के सदस्य बद्रीप्रसाद एवं अमीलाल मूण्ड भी उपस्थित रहे।