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शिक्षा समाज की नींव, छात्र अध्यापक निभाएं जिम्मेदारी – डॉ ढुल

इंस्टीयूट आफ एजुकेशन द्वारा आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

झुंझुनूं, श्रीजेजेटी यूनिवर्सिटीमैं इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजूकेशन विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थी और शिक्षकों ने प्रशिक्षण लेते हुए अपने ज्ञान का विस्तार किया इस मौके पर इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ रामप्रताप सैनी के निर्देशन में आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित करते हुए जेजेटी के प्रेसिडेंट डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने आडिटोरियम में सांस्कृतिक एवं रंगारंग प्रस्तुतियों के बीच छात्र शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा की बदौलत इंसान समाज मे अपनी जगह बनाता है और समाज व देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझता है। आज के बच्चे, कल देश का भविष्य बनेंगे। ऐसे में उन्हें शिक्षा के माध्यम से संस्कार देना प्रत्येक शिक्षक का दायित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र शिक्षक जल्द ही अपनी स्नातक डिग्री पूरी करके शिक्षा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हो जाएंगे। इसलिए यह जरूरी है कि वो एक अच्छे शिक्षक के सभी गुण ग्रहण करें व समाज मे जाकर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। उन्होंने कार्यशाला के माध्यम से नवीन पद्धतियों को सीखने वाले छात्र अध्यापकों से आह्वान किया कि उनका व्यवहार शिक्षक की भांति ही होना चाहिए, क्योंकि समाज में शिक्षक का अनुसरण होता है। यदि आज का शिक्षक अपनी जिम्मेदारी के प्रति गम्भीर होगा और विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार व शिक्षा प्रदान करेगा तो समाज मे उसकी ख्याति बढ़ेगी। कार्यशाला संयोजक एवं प्राचार्य डॉ रामप्रताप सैनी ने बताया कि कार्यशाला के दौरान रंगोली प्रतियोगिता, शिविर साज-सज्जा, निबन्ध प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी, एकल नृत्य, सामूहिक नृत्य एवं खेल स्पर्धाओं का आयोजन करवाया गया। इस कार्यशाला में छात्र अध्यापकों को प्राथमिक चिकित्सा व योग पद्धतियों पर व्याख्यान भी करवाए गए। कार्यशाला की विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ अजीत कुमार, परामर्श समिति सदस्या डॉ मधु गुप्ता, डॉ गीतांजलि गुप्ता, डॉ शुभराम चौधरी व विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, छात्र-अध्यापक भी उपस्थित रहे।

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