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विश्वास का विशुद्ध रूप ही भगवान है – हरिशरण जी महाराज

झुंझुनू, मुकुंद सेवा सदन में कलावटिया परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में द्वितीय दिवस 2 अगस्त बुधवार को व्यास पीठ से श्री हरिशरण जी महाराज ने भारत के प्रसिद्ध भक्तों और महापुरुषों, सूरदास, नामदेव, गुरु नानक देव, कबीर आदि के चरित्र का बड़े सुंदर रूप से वर्णन किया और बताया कि भक्ति मार्ग का अलग ही आनंद है जहां विश्वास है वहीं भगवान है । विश्वास का ही नाम भगवान है। महाराज श्री ने भगवान के 24 अवतारों का वर्णन किया। काल गणना के बारे में विस्तार से बताया कहा कि 14 मनवंतर के पश्चात श्रष्टि का प्रलय होता है तथा पुनः श्रष्ठि का निर्माण होता है और इसमें हमे मानव जीवन प्राप्त होता है जो बहुत ही अमूल्य है। इसे व्यर्थ न जाने दे। कथा के मध्य महाराज श्री के कर्णप्रिय भजनों पर श्रोता भक्तों ने नाच कर गाकर आनंद उत्सव मनाया।

कथा में आयोजक कलावटिया परिवार से सुशीला कलावटिया, सविता, प्रियशी, योगिता, सत्येंद्र, योगेश, सतीश, विनोद, देवेंद्र, अक्षय, अभय, पीयूष, रवि कलावटिया, अंजु पुरोहित, राजेंद्र व्यास, दीपक जालान, पवन गाड़िया, कैलाश सिंघानिया, डा. डीएन तुलस्यान, शिवचरण पुरोहित, सुभाष जालान, रूपेश तुलस्यान, कुंदन सिंगडोदिया एवं दिनेश ढंढारिया सहित काफी संख्या में श्रद्धालु महिला एवम पुरुष उपस्थित थे।

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