सीकर, राज्य सरकार ने पशुओं के गोबर से जैविक खाद बनाने और उसका इस्तेमाल करने वाले किसानों के लिए गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना शुरू कर दी है। इसके तहत किसानों को खेतों में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर लागत का 50 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम 10 हजार रुपए अनुदान देगी। इसके लिए प्रदेश के 18900 व इस जिले के 400 किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने होंगे। इस योजना से रासायनिक खेती से बढ़ रहे दुष्प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं मिट्टी का उपजाऊपन भी बढ़ेगा। इस योजना का फायदा उठाने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन शुरू होंगे। पात्र किसान ई-मित्र के जरिए आवेदन कर अधिकतम 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकेगा। इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में 400 किसानों को अनुदान देने का लक्ष्य रहेगा। इस संबंध में राम निवास पालीवाल संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद सीकर ने कहा कि जिले की सभी 8 पंचायत समितियों में कुल 400 किसानों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य है। प्रत्येक पंचायत समिति में 50 किसान लाभान्वित होंगे। योजना को लेकर आनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों को उनके पशुओं के कचरे से जैविक खाद उत्पादन के लिए प्रेरित करना है। राजस्थान सरकार अब उन किसानों को वित्तीय सहायता देगी जो अपने पशुओं के कचरे से जैविक खाद उत्पादन करना चाहते हैं। योजना के तहत प्रत्येक पंचायत समिति से 50 किसानों का चयन वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा । इसके लिए प्रत्येक किसान को अपने खेत में 20 फीट लंबी, तीन फीट चौड़ी व ढाई फीट गहरी यूनिट बनानी होगी। इनमें से सामान्य श्रेणी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों का चयन किया जाएगा। इसके लिए जिले में 40 लाख का बजट निर्धारित रहेगा।
ये रहेंगे नियम:— आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए। उसके पास गौवंश के पांच पशु होने चाहिए। प्रत्येक यूनिट के लिए किसान को आठ से 10 किलो केंचुए अपने स्तर पर खरीदकर छोड़ने होंगे। प्रदेश में 378 ब्लॉक के 18900 किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत इनमें से 12627सामान्य श्रेणी,3202 अजा तथा 3071 अजजा के किसान होंगे।