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खाटूश्यामजी में पार्क मोंट कंपनी द्वारा अधिक एवं गलत पार्किंग शुल्क लिए जाने पर मुकदमा दर्ज

मेले के दौरान वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पूर्ण रूप से बंद – जिला कलेक्टर शर्मा

सीकर, खाटूश्यामजी के 52 बीघा पार्किंग में पार्क मोंट कंपनी द्वारा अधिक एवं गलत पार्किंग शुल्क लिए जाने के कारण पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव के निर्देशन पर   पार्क मोंट कंपनी पर मुकदमा दर्ज किया गया है एवं संबंधित से पूछताछ कर अनुसंधान की कार्यवाही की जा रही है।  पुलिस अधीक्षक यादव ने बताया कि श्रद्धालुओं से अधिक एवं गलत  लिया गया पार्किंग शुल्क शीघ्र ही आगामी दिनों में  श्रद्धालुओं के खातों में पुनः रिफंड किया जाएगा। ज्ञात हो कि पार्क मोंट कंपनी अयोध्या की  रामकथा एवं  कच्ची-पक्की पार्किंग सहित अयोध्या एयरपोर्ट एवं चेन्नई एयरपोर्ट पर एआई तकनीक आधारित पार्किंग व्यवस्थाएं प्रदान कर रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कंपनी को खाटूश्यामजी मंदिर मेले के दौरान सुव्यवस्थित पार्किंग करने का टेंडर दिया गया था। अब इस संबंध में कंपनी द्वारा अव्यवस्थाएं करने एवं अनियमितता सामने आने के बाद कंपनी का टेंडर निरस्त कर दिया गया है साथ ही मेले के दौरान संपूर्ण पार्किंग व्यवस्था का जिम्मा अब नगर पालिका द्वारा किया जाएगा।

जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि मेले के दौरान वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पूर्ण रूप से बंद है तथा दिव्यांगों एवं बुजुर्गों को स्वयंसेवकों की सहायता से व्हील चेयर द्वारा सुगम दर्शन करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में बेरीकटिंग की गई है। मंदिर के आस-पास का क्षेत्र नो पार्किंग जोन के रूप में रखा गया है।

जिला कलेक्टर शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर एवं खाटूश्यामजी में सफाई व्यवस्था के लिए मंदिर कमेटी एवं नगर पालिका के 300 सफाई कार्मिक निरंतर कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त स्वयंसेवी संस्थाओं के लगभग 1 हजार से 1500 स्वयंसेवी सफाई करेंगे। संपूर्ण कस्बे में 18 अग्निशमन वाहन तैनात किए जाएंगे। इनमें फायर बाइक की व्यवस्था भी रहेगी। मंदिर कमेटी द्वारा सजावट एवं अस्थाई डोम पर अग्निरोधक रसायन का छिड़काव किया जाएगा। मंदिर कमेटी द्वारा संपूर्ण कस्बे एवं पार्किंग स्थलों पर लगभग 400 से अधिक सीसीटीवी लगाएं जाएंगे, जिनकी निगरानी के लिए 6 कंट्रोल रूम बनाए गए  है। साथ ही निगरानी के लिए मंदिर कमेटी द्वारा जोनवार ड्रोन नियोजित किए जाएंगे।पुलिस थाना खाटूश्यामजी, मंदिर निकास पर, मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय,  नगरपालिका कार्यालय, लखदातार मैदान के निकास पर कुल पांच पूछताछ केंद्र स्थापित किए जाएंगे। संपूर्ण मेला क्षेत्र में सूचना देने के लिए स्पीकरों की व्यवस्था की जाएगी। मेला क्षेत्र में डीजे पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक समर्पित सहायता केंद्र मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में बनाया गया है। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है जिसकी निगरानी अभय कमांड द्वारा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि भंडारों की अनुमति मेला मजिस्ट्रेट द्वारा खाटूश्याम जी क्षेत्र में तथा उपखंड अधिकारी रींगस द्वारा दी जाएगी। मेला अवधि के दौरान स्नान कुंड पूर्णतया बंद रहेगा।श्रृद्धालुओं के लिए स्वच्छ पानी की उपलब्धता जलदाय विभाग एवं मंदिर कमेटी द्वारा जल मंदिर व वाटर स्टेशन बनाए जाएंगे। मंदिर कमेटी के माध्यम से लगभग एक करोड़ से अधिक पानी के पाऊच भी तैयार करवाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक सैक्टर में 5 हजार अतिरिक्त पानी के पाऊच रखे जाएंगे।मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मध्यनजर 50 ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं 5000 से अधिक का पुलिस जाप्ता नियुक्त किया गया है, इसके अतिरिक्त मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय से लगभग 100 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही लगभग 1000 से 1500 स्काउट एवं  एनसीसी कैडेट एवं 3 से 4 मंदिर के स्वयंसेवकों द्वारा सेवाएं दी जाएगी। इनके अतिरिक्त मंदिर कमेटी द्वारा भी लगभग एक हजार निजी सुरक्षा संस्थानों के जवान नियुक्त किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि संचार व्यवस्था के लिए मंदिर कमेटी द्वारा 100 वॉकी- टॉकी तथा पीए सिस्टम की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक सैक्टर में हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी।दर्शन के लिए डायवर्जन बिंदु से केरपुरा तिराहा से चारण खेत व लखदातार मैदान ज़िग जैग होते हुए 40 फीट मार्ग से होकर 75 फीट की 14 लाइनों में प्रवेश दिया जाएगा। जिसकी लगभग दूरी 8 से 9 किलोमीटर है। दिव्यांग एवं विशेष योग्यजन के लिए मंदिर तक पहुंचने के लिए ई—रिक्शा की व्यवस्था एवं दर्शन के लिए व्हीलचेयर एवं स्वयंसेवकों की नियुक्ति भी की गई है । उन्होंने बताया कि दर्शन के लिए निर्धारित की गई 14 लाइनों से दर्शन उपरांत निकास के लिए प्रथम दो लाइनों का निकास गुवाड़ चौक की तरफ, मध्य की 8 लाइनों का निकास पुराने मेला मजिस्ट्रेट कंट्रोल रूम से बनाई गई निकास से होकर मुख्य बाजार से एवं अंतिम चार लाइनों का निकास कबूतर चौक से जैन मंदिर वाली गली से होकर अस्पताल रोड़ पर किया जाएगा।खाटूश्यामजी में स्थित उप जिला अस्पताल को मुख्य अस्पताल के रूप में काम में लिया जाएगा, मेला क्षेत्र में 12 अस्थाई मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे इसके अलावा मेला मजिस्ट्रेट की अनुमति से सामाजिक संस्थाओं एवं समाज सेवी द्वारा भी मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। सर्वाधिक भीड़ वाले स्थान लखदातार निकास पर एक कंटीन्जेंसीज अस्थाई रेफरल अस्पताल भी तैयार किया जाएगा। मेडिकल कैंपों के अतिरिक्त मोबाइल मेडिकल टीमों का गठन किया जाएगा एवं प्रत्येक सैक्टर ऑफिसर के साथ भी अतिरिक्त मेडिकल कार्मिक नियुक्त किए जाएंगे। मेले के दौरान विभिन्न स्थानों पर 22 एंबुलेंस रहेंगी जिनमें से दो लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस होगी एवं दो बाइक एंबुलेंस रहेंगी। ट्रोमा सेंटर के रूप में तीन उप जिला अस्पताल रींगस, एसके अस्पताल सीकर, किशनगढ़—रेनवाल व आवश्यकता पड़ने पर जयपुर रैफर किया जायेगा। इस दौरान 325 डॉक्टर में नर्सिंग स्टाफ को चिकित्सा व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए तैनात किया जाएगा।

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