गुढ़ागौड़जी के सरकारी अस्पताल में कचरा निस्तारण के नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं अस्पतालों से निकलने वाला जो कचरा है उसको वर्गीकृत कर विशेष प्रकार से डिस्ट्रॉय करने के लिए प्रावधान होते हैं जिसके लिए निश्चित स्थान बनाए जाते हैं। लेकिन गुढ़ागौड़जी के सरकारी अस्पताल में उनको निस्तारित करने के लिए स्थान तो बनाए गए हैं लेकिन कचरे के निस्तारण में बहुत ज्यादा लापरवाही बरती जा रही है मजे की बात तो यह है अस्पताल का कचरा जो संक्रमित होता है उसे आवारा पशु खा रहे हैं जो भारी संक्रमण का कारण बन सकता है। अस्पताल की चारदीवारी के अंदर जहां पर कचरा निस्तारण स्थान बनाया गया है वहां तक आवारा पशु खुलेआम घूम रहे हैं और संबंधित कर्मचारी उनकी लगातार अनदेखी देखी कर रहे है जो संबंधित कर्मचारियों एवं अधिकारियो घोर लापरवाही है। लेकिन जो अधिकारी हैं जिनको इस पर नियंत्रण करना चाहिए उनकी भी यह एक गहरी संवेदनहिता का भी उदहारण है। एक तरफ स्वच्छ भारत की बात कर रहे हैं ऐसे में हमारे स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था ही बीमार है तो आम जनता से क्या अपेक्षा की जा सकती है।