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हत्या के मामले में आठ जनों को आजीवन कारावास

अपर सेशन न्यायाधीश संख्या एक झुंझुनू मुजफ्फर चौधरी द्वारा दिये गये निर्णय में हत्या के एक मामले में आठ जनों को आजीवन कारावास की सजा दी है। मामले के अनुसार परिवादी राकेश कुमार ने 16 जून 2016 को एक मामला पुलिस थाना गुढ़ागौडजी पर दर्ज करवाया की आज सुबह करीब 10 बजे हमारी खातेदारी भूमि में संतरा देवी पत्नी स्व. नवरंग लाल व छोटी देवी हलसोती कर रही थी कि अचानक महेन्द्रा टे्रक्टर लेकर जिसे बजरंग सिंह पुत्र भैरू सिंह चला रहा था। टे्रक्टर पर भगवानाराम खाती, महेश कुमार खाती आदि बैठे थे तथा अन्य लोग पैदल थे, जिनमें पंकज, ओमप्रकाश, गणेश राजपूत निवासी नंगली निर्वाण, नाथीदेवी व मेवता देवी आदि थे। टे्रक्टर को उसकी चाची संतरा देवी पर चढ़ा दिया तब छोटी देवी ने शोर मचाया तो राकेश, नरेश, सीताराम, संदीप भी दौैड़ कर आए तो उनके साथ भी उक्त लोगों ने मारपीट की। बजरंग सिंह ने पीछेे से किशोरी लाल को टे्रक्टर से टक्कर मार दी, जिससे उसको भी चोटें आई। इन सभी आरोपियों ने सभी को भगा-भगा कर सभी के साथ मारपीट की। संतरा देवी की हालत खराब होने पर पहले उसे गुढ़ा तथा बाद में उसे झुंझुनू स्थित अस्पताल में लाया, जहां चिकित्सकों ने उसे जयपुर रैफर कर दिया, जहां उसकी मृत्यू हो गई। पुलिस ने इस रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर बाद जांच भगवानाराम पुत्र नारायण राम जांगिड़, महेश पुत्र राधेश्याम जांगिड़, पंकज पुत्र भगवानाराम जांगिड़, ओमप्रकाश पुत्र भैरू सिंह राजपूत व गणेश सिंह पूत्र बजरंग सिंह राजपूत निवासीगण नंगली निर्वाण के विरूद्ध हत्या आदि का चालान प्रस्तुत कर दिया तथा नाथीदेवी पत्नी भगवानाराम जांगिड़, मेवता देवी पत्नी राधेश्याम जांगिड़ व बजरंग सिंह पुत्र भैरू सिंह राजपुत निवासीगण नंगली निर्वाण के विरूद्ध 299 में चार्ज शीट पेश की। कालान्तर में आरोपी बजरंग सिंह, नाथीदेवी व मेवता देवी के विरूद्ध हत्या आदि की तितम्बा चार्जशीट पेश कर दी गई। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक कमल किशोर शर्मा ने इस्तगासा पक्ष की तरफ से 27 गवाहान के बयान करवाये गये तथा 143 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये गये। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारीकी से विशलेषण करते हुए उक्त सभी 8 आरोपियों को उक्तनूसार सजा देते हुए प्रत्येक पर दस-दस हजार रूपये अर्थदण्ड से भी दण्डित करते हुये उक्त सभी आरोपियों को अन्य धाराओं में भी सजा देते हुए सभी सजाये साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया।

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