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प्रधान संघ के अध्यक्ष सुंडा के साथ हुई कमिश्नर रवि जैन की महत्वपूर्ण बैठक

32 बिंदूओं पर हुई कमिश्नर रवि जैन के साथ सकारात्मक वार्ता

जयपुर/झुंझुनू, प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं नवलगढ़ पंचायत समिति के प्रधान दिनेश सुंडा ने कहा है कि पंचायतराज जनप्रतिनिधि प्रदेश की एक बड़ी ताकत है। पंच से लेकर प्रमुख तक जनप्रतिनिधियों की संख्या डेढ लाख से अधिक है। जिनका सीधा सीधा जुड़ाव जनता से होता है। इसलिए पंचायतराज जनप्रतिनिधियों को मजबूत बनाना सरकार की प्राथमिकताओं में होना चाहिए। सुंडा सोमवार को जयपुर में पंचायतीराज विभाग के आयुक्त रवि जैन के साथ प्रधान संघ की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे लगातार प्रयास कर रहे है कि प्रधानों के अलावा अन्य ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को मान—सम्मान के अलावा ताकत मिले। जिससे उनमें काम करने की उर्जा बढे और वे सरकार की योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने में मदद कर सके। इससे पहले पंचायतराज विभाग के आयुक्त रवि जैन के साथ हुई चर्चा में प्रधान संघ द्वारा तैयार किए गए 32 बिंदूओं पर चर्चा हुई। काफी लंबी देर तक चली चर्चा के बाद रवि जैन ने सभी मांगों को लेकर सरकार स्तर पर बातचीत कर सकारात्मक फैसला करवाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने कहा कि जब से पंचायतराज कानून बना है। तब से ही नियम कानून चलते आ रहे है। कुछ परंपराएं भी चल रही है। जिन्हें आज के समय के अनुसार बदलने की आवश्यकता है। जिस पर रवि जैन ने चर्चा की और सकारात्मक फैसले करवाने का आश्वासन दिया।

आयुक्त के साथ चर्चा में ये प्रधान रहे शामिल
चर्चा में प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा के अलावा अमित परमार कसेड़ी, संतोष राजेश गुर्जर नांवा, कृष्ण अवतार तूंगा, सहदेव गुर्जर सांभर, निकूराम मेघवाल टिब्बी, इंदू देवी हनुमानगढ़, हरदेव यादव जालसू, हरिकिशन यादव बुहाना, नासिर खान रामगढ़, आसिफ खान नगर, संजय चौधरी कठूमर, युद्धवीर ​डीग, जयवीर सिंह सांगोद, ओमप्रकाश खीराबाद, मानसी मीणा आंधी, कृष्ण शर्मा सुलतानपुर, रिंकू मीणा ईटावा, मंजू शर्मा शाहपुरा, प्रहलाद मीणा दौसा, दिनेश मीणा नांगल राजावतान, रामचंद्र चौधरी किशनगढ़, ओमप्रकाश परबतसर, परसराम डेगाना, सुलतान बैरवा सिकंदरा, मोहनलाल रामगढ़ पंचभद्र, रवि चौधरी दूदू, सरोज योगी बैजूपाड़ा, महादेव कूटला, सुनिता भींचर मकराना, सीताराम बसावा, बीनादेवी लवाण, जयप्रकाश थानागाजी, भौंरीदेवी राजगढ़, सुनिता गोदारा रायसिंहनगर, सुरेंद्रपालसिंह श्रीगंगानगर, जयप्रकाश तिजारा, वीरपाल कौर विजयनगर, राधादेवी अनूपगढ़, सुनिता पूनियां पदमपुर, धर्मपाल बिरड़ा खाजूवाला, नाथूलाल मीणा लालसोट, देवीलाल वल्लभनगर, करणसिंह कानावत कोटड़ी, विजेंद्र सिंह राठौड़ बेंगू, हरिओ बारां, ईश्वरलाल सागवाड़ा, वंदना नागर अटरू, मनीष कोलायत, किशोर शर्मा जहाजपुर तथा मेड़ता प्रधान संदीप चौधरी आदि शामिल हुए।

प्रमोशन भी होंगे, रिक्त पद भी भरे जाएंगे
चर्चा के दौरान सामने आया कि पंचायतीराज विभाग में अधिकारियों की कमी है। एक अधिकारी को कई पंचायत समितियों के चार्ज दिए जाते है। जिस पर आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जल्द ही पंचायतराज विभाग में इंजीनियरों के प्रमोशन किए जा रहे है। यही नहीं इंजीनियरों के खाली पदों को भरने के लिए आरपीएससी को भी लिखा गया है।

इन 32 बिंदूओं पर हुई बैठक में खास तौर पर चर्चा
प्रदेश के प्रधानों के साथ आयुक्त रवि जैन की जिन 32 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर खासतौर पर चर्चा हुई है। उनमें जिला प्रमुख, प्रधान एवं पंचायती राज के समस्त जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल 5 वर्ष पूर्ण करवाकर ही चुनाव संपन्न करवाने, पंचायत समिति को निजी आय से 10 लाख रूपए तक की निर्माण स्वीकृति जारी करने के अधिकार प्रदान करने, राजस्थान में नव सृजित पंचायत समितियां के भवन निर्माण के लिए बजट का प्रावधान अविलंब करने ताकि निर्माण कार्य पूरा हो सके पर चर्चा की गई। इसके अलावा सभी पंचायत समितियां में रिक्त पदों पर सहायक विकास अधिकारी, अतिरिक्त विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, जेटीए आदि के पदों पर कार्मिको का पदस्थापन का कार्य पूर्ण करने, राजस्थान की समस्त पंचायत समितियों में सरकारी गाड़ी उपलब्ध करवाने, प्रधानों को राजस्थान प्रदेश में डाक बंगलों व सरकारी गेस्ट हाउस में रूकने की न्यूनतम शुल्क पर सुविधा उपलब्ध करवाने, पंचायत समिति में लगने वाले स्टाफ—कर्मचारी व अधिकारियों के पदस्थापन में प्रधान को सीधा पंचायतीराज मंत्री से मिलकर स्टाफ के लिए अनुशंसा करने तथा इन कामों में क्षेत्रीय विधायकों का हस्तक्षेप हटाने, सभी पंचायत समिति सदस्यों को भी आवश्यक रूप से मासिक मानदेय सरकार द्वारा देने, जिला परिषद एवं पंचायत समितियों में नगरपालिकाओं के तर्ज पर सहवृत्त सदस्य नियुक्त किया जाकर वोटिंग का अधिकार देने, जिला स्तरीय समस्त कमेटियों में प्रधान को सदस्य बनाने, आकस्मिक निधि की राशि में वृद्धि करते हुए एसएफसी व सीएफसी से भी दिए जाने की अनुमति प्रदान करने, पंचायत राज के अधीनस्थ पांचों विभागों में विभिन्न कार्य योजनाओं में प्रधान की भूमिका को सुदृढ़ करने के लिए अनुमति—सहमति अनिवार्य करने, प्रधान की अनुशंषा पर ही विकास अधिकारी का स्थानान्तरण अथवा पदस्थापन करने एवं पद रिक्त की स्थिति में पंचायत समिति के कार्मिकों को ही विकास अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज देने ना कि एसडीएम—तहसीलदार व अन्य विभागों के कार्मिकों को देने की बात कही गई। चर्चा के दौरान शेड्यूल ऑफ पावर में परिवर्तन करते हुए समस्त स्वीकृतियों पंचायत समिति, नरेगा, एसबीएम इत्यादि में प्रधान की अनुमति लेने, प्रधान को अलग से पूरे महीने वाहन व ड्राइवर उपलब्ध करवाने, निजी सचिव नियुक्त करने का अधिकार देने, प्रधान का मानदेय 50 हजार किया करने, विधायक एवं सांसद की तरह भत्ते एवं पेंशन देने, उपखंड स्तरीय समस्त कमेटियों में प्रधान को अध्यक्ष मनोनीत करने, मनरेगा योजना में प्रधान का पूर्णरूप से प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण स्थापित करते हुए भागीदारी सुनिश्चित करने, जिला स्तरीय डीएमएफटी की कमेटी में प्रधान को सदस्य नियुक्त करने एवं उनकी अनुशंषा से ही ग्रामीण इलाकों को आवश्यक कार्य स्वीकृत करने, प्रधान को पंचायत समिति का कार्यालय अध्यक्ष नियुक्त करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में प्रधान की भूमिका सुनिश्चित करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए पंचायत समिति को अतिरिक्त बजट उपलब्ध करवाने, प्रदेश के समस्त टोल पर प्रधान के वाहन को टोल मुक्त किए जाने के आदेश पारित करने, नई पंचायत समिति और पंचायत भवन के निर्माण, फर्नीचर साज-सज्जा के लिए बजट ग्रामीण विकास की योजनाओं के बजट के अतिरिक्त बजट आवंटित करने, प्रशासन एवं स्थापना स्थायी समिति के प्रस्तावों की पूर्ण रूप से पालना करवाने, ग्राम पंचायत की तरह पंचायत समिति के पीडी खाते को भी बंद करने, पंचायत समिति सदस्यों को मासिक मानदेय दो हजार रूपए करने एवं बैठक भत्ता प्रति बैठक के हिसाब से करने, नगरपालिका की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत समिति को 90ए (भूमि रूपान्तरण) का अधिकार देने, 73वें सविधान संशोधन अधिनियम 1994 के द्वारा भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूचि में 29 विषयों को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार देने, सरकार की जन कल्याणकारी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए पंचायत समिति को विज्ञापन देने का अधिकार देने, प्रधान को राजस्थान हाऊस, बीकानेर हाऊस, सर्किट हाऊस सहित राजस्थान के समस्त डाक बंगलों में ठहरने की अनुमति के आदेश जारी करने एवं सरकारी र्क्वाटर उपलब्ध करवाने तथा सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए पंचायत समिति को विज्ञापन देने का अधिकार देने को लेकर चर्चा की गई।

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