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जिला, उपखण्ड, ग्राम पंचायत स्तर पर क्वारेंटाइन प्रबंधन समिति का गठन

जिला कलेक्टर ने क्वारेंटाइन केन्द्र की व्यवस्थाओं के संबंध में दिये निर्देश

सीकर, जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने आदेश जारी कर कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान जिले में बाहरी व स्थानीय प्रवासियों का जिले में आगमन नियमित रूप से हो रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को प्रभावी रूप से रोकने के लिए स्थानीय एवं अन्य राज्यों से आये हुए प्रवासियों को क्वारेंटाईन कर मॉनिटरिंग किया जाना अत्यावश्यक है। उन्होंने बताया कि उपखण्ड स्तर, ग्राम पंचायत स्तर एवं ग्राम के स्तर पर जिन केन्द्रों का चयन किया गया है वहां समस्त आधारभूत सुवधिाओं का होना भी आवश्यक है। उन्होंने निर्देशित किया है कि क्वारेंटाईन केन्द्र आबादी से दूर व चार दीवारी युक्त हो तथा क्वारंटाईन केन्द्र के गेट भी हो तथा वहां पर समस्त आधारभूत सुविधायें उपलब्ध हो। केन्द्र के संचालन के लिए पूरा रिकार्ड तैयार किया जावें की कौन प्रवासी कब व कितनी तारीख को केन्द्र में आया, उसका नाम, पता मोबाईन नम्बर पंजीकरण नम्बर , स्क्रीनिंग होने की तिथि मेडिकल जांच में पाई गई स्थिति आदि का अंकन हो। केन्द्र की देखरेख व संचालन के लिए एक प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति की जावें तथा उसके सहयोग के लिए एक मैनेजमेंट कमेटी का गठन भी किया जावें जो केन्द्र की आधारभूत सुविधाओं के साथ खाने की गुणवत्ता, स्वच्छ पानी, शौचालय व समय-समय पर मेडिकल टीम के निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी, साथ ही क्वारेटाईन व्यक्तियों की समस्या का अविलम्ब समाधान करवाया जावे तथा पम्पलेटस के माध्यम से फीडबैक लिया जाने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों व स्वास्थ्य विभाग की गाईडलाईनों का अक्षरशः पालन किया जावे।
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि यह भी सुनिश्चित किया जावे कि स्थानीय व बाहर से आने वाले प्रवासियों का शत्-प्रतिशत पंजीकरण व स्क्रीनिंग हो तथा प्रवासियों के मोबाईल में आरोग्य सेतु व राज कोविड मोबाईल एप अनिवार्य रूप से डाउनलोड किया जावे। ग्राम पंचायत स्तरीय एवं वार्ड स्तरीय प्रबंधन समितियां सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी निभायें और ग्राम पंचायत अधिकारी, बूथ लेवल ऑफिसर, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा एएनएम व आशा सहयोगिनियों का सक्रिय रूप से सहयोग लिया जावे। उन्होंने निर्देश दिये है कि इस संबंध में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावे।

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