जीणमाता मेले में कानून व्यवस्था एवं प्रशासनिक प्रबन्धों के संबंध में बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला कलेक्टर सी.आर.मीना की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श कर संबंधित अधिकारियों को समय पर कार्य संपादित करने के निर्देश दिये गये। मेले के दौरान डीजे, शराब की बिक्री एवं पशुबलि पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। जिला कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि मेले को शांतिपूर्वक एवं सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन का पूरा सहयोग रहेगा। यहां जो सुझाव आये है उन पर तत्काल प्रभाव से संबंधित अधिकारी अपने-अपने विभाग से संबंधित व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। सभी कार्य गुणवत्तापूर्वक होने चाहिए उन्होंने बताया कि जीणमाता मेला 6 अप्रेल से 14 अप्रेल तक आयोजित होगा। उपखण्ड अधिकारी दांतारामगढ़ अशोक रणवां को मेला मजिस्ट्रेट व तहसीलदार हरि सिंह राव को सहायक मेला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। मेले के दौरान नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जायेंगे जो दिन रात काम करते रहेंगे। उन्होंने मेला कमेटी को निर्देश दिये कि चौराहों, धर्मशालाओं एवं मुख्य रास्तों में अच्छे गुणवत्ता वाले सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाये। उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता (विद्युत) को मेला अवधि में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति करने व विद्युत लाईनों के ढ़ीले तारों को समय रहते ऊंचा करने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग आवारा पशुआें की धरपकड़ करवायें। उन्होंने कहा कि बत्तीसी संघ के लोगों को सुविधापूर्वक मंदिर दर्शन हो सके इसके लिए ग्रामपंचायत व मंदिर कमेटी आपसी समन्वय से कार्य करें । उन्होंने आम रास्तों से अस्थाई अतिक्रमण हटाकर लोगों को पाबंद करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मंदिर कमेटी के राधेश्याम पाराशर ने बताया कि मेले के दौरान श्रृृद्धालुओं के लिए तमाम व्यवस्थायें की गई है। बैठक में अति. जिला कलेक्टर जयप्रकाश, सीईओ करण सिंह गोठवाल, रलावता सरपचं अशोक सिंह शेखावत, तहसीलदार दांतारामगढ़, हरि सिंह राव, विकास अधिकारी, ग्रामसेवक, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला, युआईटी के सचिव सोहन राम चोधरी, अधीक्षण अभियन्ता विद्युत विद्याधर सिंह, पीडब्ल्यूडी, जलदाय, चिकित्सा विभाग, पुलिस, मंदिर कमेटी के प्रतिनिधि सहित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।