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अब प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट पर नहीं निकाल पायेंगे विजय जुलूस

ऐसा करने पर संस्थान के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही — जिला कलेक्टर

कलेक्टर ने ली जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक

सीकर, जिला कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी की अध्यक्षता में गुरूवार को को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण तथा इसमें अध्यनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग संस्थानों के लिए विस्तृत दिशा—निर्देश दिए गए।

बैठक में जिला कलेक्टर कमर चौधरी ने शहर की सभी कोचिंग संस्थानों प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने प्रत्येक विद्यार्थी का पूरा डाटा रखेंगे विशेषकर विद्यार्थी कहां रह रहा है और कितने टाइम से कोचिंग नहीं आ रहा है, साथ ही उसके रिजल्ट डाउन होने का क्या कारण है तथा सभी कोचिंग यह डाटा जिला प्रशासन के साथ साझा करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोचिंग संस्थान अपने समस्त कार्मिकों और टीचर्स की गेटकीपर ट्रेनिंग करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कोचिंग संस्थानों को उनके यहां कार्यरत मनोवैज्ञानिक काउंसलर्स की संख्या और उनके द्वारा की गई काउंसलिंग का रिकॉर्ड साझा करने की बात कही। उन्होंने संयुक्त निदेशक डीओआईटी को ऐसा पोर्टल विकसित करने के लिए निर्देशित किया जहां विद्यार्थी एग्जिट रिफंड का एप्लीकेशन भरने के साथ ही शिकायत दर्ज कर सके साथ ही वहीं पर पीएचक्यू 9 फार्मूले से मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग पूर्ण कर सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोचिंग संस्थान यह सुनिश्चित करेगा की हफ्ते में एक दिन की छुट्टी विद्यार्थियों को दी जाएगी तथा छुट्टी के अगले दिन कोई परीक्षा या टेस्ट नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं का रिजल्ट आने के बाद कोई भी कोचिंग संस्थान विजय जुलूस नहीं निकलेगा, ऐसा करने पर संस्थान के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से कोचिंग में अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की विशेष काउंसलिंग करवाकर इस संबंध में उनके परिजनों को आवश्यक रूप से सूचित करें। उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई आत्महत्या की घटनाओं की समीक्षा में यह सामने आया है कि कोचिंग संस्थानो और हॉस्टल्स की नेगलिजेंसी भी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार होती है। विद्यार्थियों का रिजल्ट सार्वजनिक ना किया जाए।

उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे संस्थानों में जाकर इस बात को क्रॉस चेक करें की उनके द्वारा मीटिंग में दी जा रही जानकारी और डाटा वास्तविक है। बैठक में विद्यार्थियों द्वारा सुसाइड के कारणों की गहन समीक्षा की गई तथा इस दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि कोचिंग संस्थान अपने विद्यार्थियों के वैलनेस के लिए आगे आकर वैलनेस सेंटर स्थापित करें और उनकी कॉउंसलिंग करें,क्योंकि वे किसी भी स्थिति में कोचिंग सिटी को सुसाइड सिटी नहीं बनने देंगे।

बैठक में सीकर पुलिस अधीक्षक अनिल परिस देशमुख, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश बिश्नोई, अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर हेमराज परिडवाल, उपखण्ड अधिकारी सीकर जय कौशिक, एसडीएम नेछवा अभिमन्यू सिंह, सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग इंदिरा शर्मा, सीएमएचओ डॉ. निर्मल सिंह,जिला साक्षरता अधिकारी राकेश लाटा, डीटीओ ताराचंद बंजारा, सीपीओ अरविन्द सामौर,सीओ सीकर ग्रामीण नरेन्द्र कुमार,विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा डॉ.महेश कुमार, वरिष्ठ विशेषज्ञ मनो चिकित्सक डॉ. रामचन्द्र लाम्बा सहित निगरानी समिति के सभी सदस्य तथा शहर की कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहें।

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