अब जिले में डिजिटल साक्षरता को बढावा देने के उद्देश्य से सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग की ई-सखी योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। इस योजना के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा कि वो किस तरह आज के आईटी युग में डिजिटल तरीकों से लोगों तक सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पंहुचा कर उन्हें लाभान्वित करवा सकें। ई-सखी एक वाॅलिन्टियर की तरह कार्य करेंगी, जिन्हें सरकार की तरफ से कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा।
डिओआईटी के एसीपी घनश्याम गोयल ने बताया कि योजना के प्रथम चरण में जुलाई 2018 तक प्रत्येक गांव में 5 तथा शहरी वार्ड में 10 ई सखियों का चयन कर उन्हें विभाग द्वारा ट्रेंड मास्टर व ट्रेनरसे प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। इसके बाद ये ई सखी अन्य 100 लोगों को प्रशिक्षित करेंगी। इस योजना का उद्देश्य है कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को डिजिटली साक्षर हो। ई-सखी के लिए उन्हीं महिलाओं का चयन किया जाएगा जो क्षेत्राीय विकास, सामाजिक उत्थान में रूचि रखती हो और जिनकी आयु सीमा 20 से 35 वर्ष के मध्य हो। ई-सखी के लिए 12वी पास और सरकार की योजनाओं का प्र्रारम्भिक ज्ञान होना आवश्यक है। इन ई-सखियों को आर.के.सी.एल. की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इन ई-सखी को प्रशिक्षित होने का प्रमाण पत्रा दिया जाएगा। जिले में होने वाले सावर्जनिक कार्यक्रमों में बेहतर और उत्कृष्ट कार्यो के लिए इनको सम्मानित किया जाएगा। सर्वोत्तम सखी चुने जाने पर उसे मुख्यमंत्री महोदया के साथ ‘‘काफी विद सीएम‘‘ जैसे कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा।
ऐसे करें आवेदन: इच्छुक महिला ई-सखी के आवेदन के लिए ब्लाॅक आईटी तथा सांख्यिकी कार्यालय में सम्पर्क कर सकती है। इसके अलावा वे ई-सखी मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके या ई-सखी वेबसाइट के माध्यम से भी अपना आवेदन कर सकती है।