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कर्मठता, कर्तव्यपरायणता से बदलाव की मिसाल बना रेलगाड़ी के स्वरुप का दुलचास स्कूल

एपीसी तेतरवाल ने सम्बलन विजिट कर किया प्रोत्साहित।

झुंझुनू, विपरीत परिस्थितियों व अभावों का रोना रोने की बजाय अगर संस्थाप्रधान अपने स्टाफ व ग्रामीणों से सहयोग लेकर आगे बढ़े तो विद्यालय की तस्वीर बदल सकती है। ऐसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है राउप्रावि दुलचास, बिसाऊ ने जहां केवल छः महीने पहले पूर्व सैनिक रहे प्रधानाध्यपक संदीप चाहर का पदस्थापन हुआ और उन्होंने अल्पसमय में विद्यालय का पूरा स्वरूप ही बदल दिया। गुरुवार को एपीसी समसा कमलेश तेतरवाल ने विद्यालय की सम्बलन विजिट की और विद्यालय के भौतिक व शैक्षिक विकास को देखकर संस्थाप्रधान व स्टाफ को बधाई दी। पूरे भवन की मरम्मत पश्चात भवन को विशेष रंग करवाते हुए रेलगाड़ी का रूप दिया गया है जो बहुत ही आकर्षक लगता है। इसके अलावा वृक्षारोपण,सजावटी पौधों लगाकर व खरपतवार हटाकर पूरे परिसर को आकर्षक बनाया गया है।

साथ ही शैक्षिक स्तर सुधारने से नामांकन वृद्धि भी अपेक्षा से अधिक हुई है। प्रधानाध्यपक कक्ष,स्टाफरूम आदि को भी सुविधाओं युक्त बनाया गया है। तेतरवाल ने ग्रामपंचायत सरपँच शीशराम धायल व ग्रामीणों को भी विद्यालय विकास में सहयोग देने के लिये धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने चर्चा कर आगामी विद्यालय विकास योजना बनाने व मुख्यमंत्री जनसहभागिता योजना भी काम करवाने के निर्देश दिए।

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