चिकित्सालेखसीकर

कैसे करे पालतू कुत्ते की देखभाल

सबसे पहले तो वेटरनरी डॉक्टर के पास जाकर कुत्ते का ”टीकाकरण एवं स्वास्थ्य कार्ड” बनवाये जिसमे कुत्ते से सम्बंधित सम्पूर्ण रिकॉर्ड संरक्षित रहता है और मेडिकल-आपातकाल में काम आ सकता है| इस कार्ड में कुत्ते का नाम, उम्र, नस्ल, पहचान समेत उसके मालिक का समस्त ब्यौरा दर्ज रहता है| वेटरनरी डॉक्टर की सलाह के अनुसार समय समय पर टीकाकरण करवाकर अपने पालतू को बिमारियों से बचाया जा सकता है|

-:कुत्ते का टीकाकरण कार्यक्रम:-

क्रम संख्या कुत्ते की उम्र आवश्यक टीकाकरण
1st 45 दिन Puppy DP
2nd 60 दिन DHPPi/L + Corona Vaccine
3rd 90 दिन DHPPi/L + Corona vaccine + Raksharab

 

        कुत्ते की उम्र 3 माह हो जाने पर रेबीज, केनाइन डिस्टेम्पर, हेपेटाइटिस एवं पारवों इत्यादि रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है| साथ ही पेराइन्फ्लुएंजा, लेप्टोस्पाइरा, और कोरोना वायरस से होने वाले रोगों से बचाव हेतु टीके लगाये जाते हैं| वर्तमान में इन सबके लिएसेवनइनवनटीका भी बाजार में उपलब्ध हैं|

डॉ पंकज गोस्वामी

          इसके पश्चात कुत्ते के हर जन्म दिवस पर ये सभी टीके हर वर्ष पुन: लगाकर पालतू को जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है| बीमार कुत्ते का कभी भी टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए| कुत्ते की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर, टीकाकरण करने से कुछ दिन पूर्व उसको पोष्टिक आहार दिया जाना चाहिए और पूर्ण स्वस्थ होने पर ही टीकाकरण करवाया जाना चाहिए| कभी कभी हम अपने पालतू का समय पर टीकाकरण करवाना भूल जाते है, ऐसे में कुत्ते का टीकाकरण करवाने के 2 सप्ताह पश्चात टीके की एक बूस्टर डोज अवश्य लगवा लेना चाहिए|

           कुत्ते का निश्चित अन्तराल के पश्चात कृमिनाशन भी करवाया जाना चाहिए| इसके लिए सर्वप्रथम 2 सप्ताह की उम्र के पालतू को वोरेक्स दवा एक मिली. प्रति एक किलो शरीर भार के हिसाब से दी जा सकती है| इसको प्रति 2 सप्ताह के अन्तराल पर पुनः दिया जाता है| कुत्ते की उम्र 2 माह हो जाने पर इजीपेट टेबलेट, एक टेबलेट प्रति 10 किलो शरीर भार के अनुसार दी जानी चाहिए| इसके पश्चात् पालतू की उम्र 1 वर्ष होने तक हर माह कृमिनाशन तथा 1 वर्ष से अधिक की उम्र हो जाने पर हर 3 माह से कृमिनाशन करवाया जा सकता है|

          समयसमय पर अपने पालतू के नाख़ून सावधानी पूर्वक काटें वरना नाख़ून लम्बे हो जाने पर उसकी चाल में परिवर्तन जायेगा| इसी प्रकार सप्ताह में 2 बार पालतू को अच्छे शेम्पू से नहलाया जाना चाहिए ताकि बालों और त्वचा की सुन्दरता बनी रहे| नहलाते समय मुंह से गर्दन तक के भाग पर पानी सावधानी पूर्वक डाले अथवा मुंह के आसपास केवल गीले तौलियें से ही पौंछ देवे क्योंकि कान में पानी जाने पर संक्रमण हो सकता है| कुत्ते के बालों को भी समयसमय पर कंघे से साफ कारण चाहिए और टूटे बालों को हटाया जाना चाहिए, अन्यथा ये पुरे घर में फ़ैले रहते है| असामान्य रूप से अधिक बाल झड़ने पर वेटरनरी डॉक्टर की सलाह ली जानी चाहियें|

           पालतू को संतुलित आहार दिया जाना चाहिए, इससे उसकी सेहत तो अच्छी रहती ही है, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से बीमार भी नही पड़ता| बाजार में डॉगफ़ूड के साथ साथ अनेक मिनरल और विटमिन सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध है जिनके उपयोग से कुत्ता स्वस्थ बना रहता है|

           अपने पालतू के किसी भी असामान्य व्यवहार को कभी भी नजर अंदाज ना करे| आजकल बहुत सारे डॉगट्रेनिंग और डॉगहॉस्टल उपलब्ध है जहाँ पर आपके पालतू को प्रशिक्षित करवाया जा सकता है|

          कुत्ते के बीमार होने पर तुरंत वेटरनरी डॉक्टर से उपचार करवाए| ध्यान रखिये कि पालतू की सेहत सही रहने से परिवार की सेहत भी ठीक बनी रहती है|

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